Sai Govt: ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण.. देवी स्थलों का विकास, साय सरकार ने लाई है शानदार योजना

ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण.. देवी स्थलों का विकास, Conservation of historical heritage, Development of Devi Sthals in CG

  •  
  • Publish Date - October 31, 2024 / 01:51 PM IST,
    Updated On - October 31, 2024 / 01:51 PM IST

नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ सत्ता में आते ही छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार एक ओर जहां छत्तीसगढ़ियों के विकास के काम कर रही है। वहीं दूसरी ओर यहां के विरासत और प्रसिद्ध स्थलों के विकास की बीड़ा भी विष्णुदेव की सरकार ने उठाया है। सरकार छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण धार्मिक आस्था के केंद्रों को शक्तिपीठ परियोजना के तहत विकसित कर रही है। इस परियोजना के अंतर्गत उत्तराखंड की चार धाम परियोजना की तर्ज पर पांच शक्तिपीठों रतनपुर में महामाया, चंद्रपुर में चंद्रहासनी, डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर और सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर को विकसित करके एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा।

Read More : Gold Price Today 31 October 2024: सोने के दाम में रिकॉर्ड तेजी, अगर ज्वेलरी खरीदने की सोच रहे तो चेक कर लें आज का प्राइज…. 

वैसे तो छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में मां दुर्गा अलग-अलग रूपों में विराजमान है, लेकिन यहां के 5 देवी मां महामाया, मां चंद्रहासनी, मां बम्लेश्वरी, मां दंतेश्वरी और कुदरगढ़ी का स्थान प्रमुख माना गया है। 3 करोड़ छत्तीसगढ़िया लोगों की देवी मां के प्रति आस्था और विश्वास को देखते हुए साय सरकार ने इन जगहों को संवारने की जुगत कर रही है। उत्तराखंड के चार धाम की तर्ज पर इन जगहों को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार शक्तिपीठ परियोजना के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया है। 1,000 किमी लंबी शक्तिपीठ परियोजना में 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम भी शुरू हो गया है।

Read More : bharat ka sabse bada jila kaun sa hai: भारत का सबसे बड़ा जिला कौन सा है? नाम पर सब हो जाते हैं कंफ्यूज 

राजिम में राजीव लोचन कारिडोर का निर्माण

राजिम को प्रदेश का प्रयाग कहा जाता है। महानदी, पैरी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण इसे छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। प्रदेश के लोगों के लिए यह स्थान आस्था का बड़ा केंद्र है। केंद्र सरकार ने इसे धार्मिक पर्यटन के रूप में विश्व में पहचान दिलाने के लिए प्रसाद योजना (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान) में शामिल किया है। योजना में पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेंशन सेंटर निर्माण तथा सिरपुर के बागेश्वरी मंदिर के जीर्णोद्धार को भी शामिल किया गया है। प्रसाद योजना के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य देश के तीर्थ स्थलों को विकसित करना है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp