किसानों के लिए कृषि उर्वरकों की कमी और बिजली कटौती को लेकर कांग्रेस का हंगामा

किसानों के लिए कृषि उर्वरकों की कमी और बिजली कटौती को लेकर कांग्रेस का हंगामा

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 10:07 PM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 10:07 PM IST

रायपुर, 23 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मंगलवार को विधानसभा में आरोप लगाया कि राज्य में बीजों और उर्वरकों की कमी तथा बिजली कटौती के कारण कृषि गतिविधियों में प्रतिकूल असर पड़ा है तथा इससे किसान परेशान हैं।

कांग्रेस ने इस विषय पर स्थगन प्रस्ताव पेश कर सदन में चर्चा कराने की मांग की तथा मांग के अस्वीकार होने पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान आसन के समीप जाने के कारण कांग्रेस के विधायक निलंबित भी हुए।

शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार खरीफ मौसम के लिए उर्वरकों, बीजों और बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रही है।

कांग्रेस विधायकों ने कहा कि ‘डीएपी’ उर्वरक की मांग होने के बावजूद वितरण केंद्र कर्जदार किसानों को इसके बजाय अन्य उर्वरक लेने को मजबूर कर रहे हैं।

बघेल ने कहा कि जिला सहकारी बैंकों की शाखाओं में नोटिस चिपका दिया गया है कि ‘डीएपी 18:46’ की कमी को देखते हुए एसएसपी और एनपीके खाद का विकल्प के रूप में उपयोग किया जाए।

उन्होंने कहा कि वैकल्पिक खाद की आपूर्ति भी अब तक पर्याप्त मात्रा में नहीं की गई है, ऐसे में कबीरधाम, बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव समेत कई जिलों में घटिया खाद और बीज की बिक्री को लेकर किसान लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन घटिया खाद और बीज बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि कई इलाकों में कम बारिश के कारण सिंचाई पंप चलाने के लिए बिजली की मांग बढ़ गई है, लेकिन किसान लगातार बिजली कटौती का दंश झेल रहे हैं।

उन्होंने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग करते हुए आरोप लगाया कि खाद, बीज की कमी और अघोषित बिजली कटौती के कारण धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए राज्य के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि राज्य में खरीफ सीजन के लिए रासायनिक उर्वरकों की कुल मांग 13.68 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 14.05 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडार है, जिसमें से 22 जुलाई तक 10.28 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरित किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष इसी अवधि में 9.63 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरित किया गया था।

नेताम ने कहा कि डीएपी की कुल मांग 3.40 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले अब तक 2.35 लाख मीट्रिक टन किसानों को वितरित किया जा चुका है, जबकि 48,523 मीट्रिक टन डीएपी स्टॉक में है।

उन्होंने कहा कि केंद्र से डीएपी की कम आपूर्ति को देखते हुए राज्य सरकार किसानों को एसएसपी और एनपीके उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

नेताम के जवाब के बाद अध्यक्ष रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस को अस्वीकार कर दिया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने अपनी मांग को उठाना जारी रखा और नारेबाजी करते हुए आसन के समीप चले गए और नियमों के तहत स्वतः ही निलंबित हो गए।

बाद में उनका निलंबन रद्द कर दिया गया।

भाषा संजीव

राजकुमार

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