रायपुर: Congress in Chhattisgarh Hindi इन दिनों सियासत का केंद्र राष्ट्रवाद का मुद्दा बना हुआ है। बीजेपी के लिए राष्ट्रवाद हमेशा से संजीवनी बूटी रहा है, तो वहीं भाजपा के इस मजबूत राष्ट्रवादी इमेज के सामने कांग्रेस को हर बाद एक तगड़ी चुनौती मिलती है। वैसे एमपी-छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेता कांग्रेस पर आरोप लगाने में दोनों जगह कुछ कन्फ्यूज्ड नजर आते हैं। ऐसा इसीलिए कह रहे हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेता बृजमोहन अग्रवाल का आरोप है कि कांग्रेस का खुद का सिद्धांत नहीं बचा है, वो बीजेपी की नकल कर राष्ट्रवाद की राह पर चल रही है, तो एमपी बीजेपी के कद्दावर नेता,गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस आतंकवाद फैला रही है। अब बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस अगर राष्ट्रवाद की राह पर है तो फिर आतंकवाद कैसे फैला सकती है। इसी मसले पर अगले एक घंटे तक, हम अपने बड़े पैनल से चर्चा करेंगे।
Congress different face? बीते 1 महीने के अंदर मध्यप्रदेश में दो संवेदनशील घटनाएं हुईं, जो ना केवल खबरिया चैनलों में सुर्खियां बनी। बल्कि इन्हें लेकर सियासत भी जोरदार हुई जो अब तक अनवरत जारी है। आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई हर दिन नए मुकाम पर पहंच रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को खरगोन दंगे की जांच करने कांग्रेस नेता ग्राउंड जीरो पर पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने उनका जमकर विरोध किया। लोगों के तेवर देख कांग्रेसी वहां से उल्टे पांव वापस लौटने में अपनी भलाई समझी। हालांकि इस घटना पर बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसने में देरी नहीं की। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पहले बस्ती जलाती है फिर मातम भी मनाने पहुंचती है। कांग्रेस को आतंकवादी की जननी भी करार दिया तो मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास दंगा कराने का रहा है।
एक ओर मध्यप्रदेश बीजेपी कांग्रेस पर आतंकवाद फैलाने और दंगा कराने का गंभीर आरोप लगा रही है, तो दूसरी ओर वही बीजेपी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पर राष्ट्रवाद की नकल करने का आरोप लगा रही है। अब सवाल ये है कि.बीजेपी में ये विरोधाभाष क्यों है? अगर कांग्रेस आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है, तो फिर राष्ट्रवाद के रास्ते कैसे चल सकती है? इसका जवाब बीजेपी के नेता ही दे सकते हैं, लेकिन दोनों राज्यों की कांग्रेस जरूर आक्रामक अंदाज में पलटवार कर रही है। एक पार्टी..दो आरोप..आखिर बीजेपी कन्फ्यूज्ड क्यों है? अगर बीजेपी के आरोपों में वाकई दम है, तो सवाल ये भी कि क्या कांग्रेस हर प्रदेश में अलग चेहरे के साथ मौजूद है?