Reported By: Sandeep Shukla
,रायपुर: Delimitation of wards, रायपुर नगर निगम के सभापति समेत कांग्रेसी पार्षदों ने निकाय चुनाव के पहले वार्डों के प्रारंभिक परिसीमन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। और इसमें हर गलती पर आपत्ति लगाने की बात कही है। सभापति प्रमोद दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा है कि परिसीमन राजनीतिक दृष्टि से किया गया है, इसमें वार्डों का अस्तित्व खत्म कर दिया गया है। भाजपा पार्षदों को फायदा पहुंचाने सीमाएं बदली गई है।
उन्होंने कहा कि वार्डों के क्षेत्रफल में दो से तीन गुना का अंतर है। वहीं बीजेपी विधायकों के क्षेत्र के कई वार्डों में कोई भी परिवर्तन नहीं है जबकि वार्डों की जनसंख्या में दो गुना का अंतर है। प्रमोद दुबे ने कहा है कि अपत्तियों का निरकरण नहीं हुआ तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का कहना है कि अधिकारियों ने समरूपता लाऩे का प्रयास किया है, अगर कोई दिक्कत होगी तो आपत्ति करेंगे।
इधर बिलासपुर HC ने वार्ड परिसीमन पर रोक लगा दी है। प्रदेश के निकायों के परिसीमन के बाद दावा आपत्ति मंगाई जा रही थी। राजनादगांव नगर निगम, कुम्हारी नगर पालिका, बेमेतरा नगर पंचायत में वार्डों के परिसीमन को लेकर चुनौती दी गई थी। राज्य सरकार ने परिसीमन के लिए वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माना है। वर्ष 2014 और 2019 में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही परिसीमन किया गया था। इस पर कोर्ट ने पूछा है कि जब आधार एक ही है तो इस बार क्यों परिसीमन का कार्य किया जा रहा है।