रायपुरः Adjournment motion for Baloda Bazar violence छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। पहले दिन दिवंगत पूर्व विधायकों को श्रध्दाजंलि दी गई। उनके सम्मान में 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। पहले दिन सदन में बलौदाबाजार में हुई हिंसा का मामला गूंजा। विपक्षी विधायकों ने इस लेकर शून्यकाल के दौरान स्थगन प्रस्ताव लाया। सत्ता पक्ष के विधायक अजय चंद्राकर, धरमलाल कौशिक और धर्मजीत सिंह ने इस आपत्ति जताई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अभी स्थगन प्रस्ताव पर सिर्फ सुन रहा हूं, फैसला नहीं दिया है।
Adjournment motion for Baloda Bazar violence बलौदाबाजार हिंसा को लेकर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने कहा कि हमारा स्थगन जांच आयोग के कार्यक्षेत्र से बाहर के विषय पर है। अध्यक्ष इस पर अनुमति दे सकते हैं। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर इस आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि इस चर्चा होगी तो पूरे विषय पर बात होगी। जांच आयोग का काम प्रभावित होगा। इस पर चर्चा नहीं कराया जाना चाहिए। हालांकि दोनों पक्षों की नोंकझोंक और तीखी बहस के बाद अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति दी।
स्थगन प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि इसमें नागपुर से लोग आकर शामिल हुए थे। रात में बलौदाबाजार में रुके थे। हजारों लोग शहर में आते रहे और उन्हें रोका नहीं गया। कलेक्टर और एसपी ने इनके भोजन और रहने की व्यवस्था कराई थी। इनकी भूमिका बेहद संदिग्ध है। पुलिस ने सतनाम भवन की गाड़ी जलाने का प्रयास किया। इन सबके लिए साय सरकार जिम्मेदार है। पुलिस दुर्भावना से करवाई कर रही है। षड्यंत्र के तहत ये सबकुछ किया गया है।