वनवासियों की जिंदगी बदल रही भूपेश सरकार, छत्तीसगढ़ के महुआ की महक पहुंच रही सात समुंदर पार

CM Bhupesh Baghel Scheme Food Grade Mahua Flowers छत्तीसगढ़ के महुआ की महक पहुंच रही सात समुंदर पार, जिंदगी बदल रही भूपेश सरकार

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  • Publish Date - June 30, 2023 / 02:53 PM IST,
    Updated On - June 30, 2023 / 02:56 PM IST

CM Bhupesh Baghel Scheme: रायपुर। छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के लिए महुआ विशेष महत्व रखता है। चाहे महुआ का पेड़ हो या उसके फल, या महुआ के बीज, आदिवासियों के लिए ये सभी उनकी आमदनी का प्रमुख जरिया हैं। आदिवासी जंगलों से महुआ बीनते हैं और फिर उन्हें सुखाते हैं, उसके बाद इन्हें बेच देते हैं। आदिवासियों के बहुत से परिवार महुआ पर ही निर्भर हैं। लेकिन पुराने तरीकों से इनकी खेती और व्यापार करने से मुनाफा बहुत ही सीमित था और किसी तरह बस गुजारा हो पाता था। लेकिन जब से मुख्यमंत्री भूपेश सरकार सत्ता में आये तब से वनवासियों को काफी राहत मिली है।

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भूपेश सरकार ने लोगों के लिए खोल दी तरक्की की नई राह

महुआ फूल की एक खेप छत्तीसगढ़ से समुद्र के रास्ते खासकर फ्रांस, ब्रिटेन और गोवा को निर्यात की जा रही है। निर्जलित महुआ के फूलों का इस्तेमाल ज़्यादातार दवा, सिरप और शराब बनाने के लिए किया जाता है। महुआ के फूलों को इकट्ठा करने में छत्तीसगढ़ के कोरबा, काठघोरा, सरगुजा, पासन, पाली, चुर्री, आदि क्षेत्र के जंगलों के वनवासी काम करते हैं। आदिवासी क्षेत्रों से उपज के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए भूपेश सरकार के इस अहम कदम ने महुआ फूल से जुड़े स्थानीय लोगों की तरक्की की नई राह खोल दी है।

बता दें कि महुए के पेड़ वनवासी इलाकों में रहने वाले लोगों की आमदनी का मुख्य स्रोत हैं। देश के कई राज्यों में महुआ फूल की खेती की जाती है। महुआ का पेड़ वनस्पति मक्खन, औषधीय अर्क, सिरप, प्यूरी और शराब से लेकर विविध उत्पादों का एक बहुमुखी स्रोत है। भारत के कई क्षेत्रों में आजीविका का एक अभिन्न अंग, इसके फूल और बीज आदिवासी बीनने वालों द्वारा जंगलों से उठाए जाते हैं। एक जिला एक उत्पाद पहल पर श्रृंखला के दूसरे भाग में, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के तहत संबद्ध ओडीओएफपी योजना की जांच करते हैं और बीजापुर, छत्तीसगढ़ की वन अर्थव्यवस्था को देखते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार की आय बढ़ाने एवं स्वसहायता समूह को मजबूत करने छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल सरकार की महत्वपूर्ण योजना वन धन केन्द्र के तहत महुआ संग्रहण कार्य किया जा रहा है।

भूपेश सरकार की इस योजना के तहत मिल रहा लाभ

छत्तीसगढ़ में हर साल लगभग 5 लाख क्विंटल महुआ फूल का संग्रहण होता है, लेकिन अब इस महुआ फूल को खाद्य प्रॉडक्ट बनाया जा रहा है। राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा महुआ फूल को फूड ग्रेड बनाने के लिए प्रक्रिया विकसित की गई है और महुआ लड्डू, जूस, कुकीज, चॉकलेट, आचार, जैम आदि बनाए जा रहे है। इसके अलावा राज्य में बेहतर क्वालिटी के महुआ फूल कलेक्शन कर विदेशों तक इसकी सप्लाई की जा रही है। यूके के एक निजी संस्थान ने 750 क्विंटल महुआ फूल खरीदा है। इससे कंपनी महुआ फूल से कई प्रोडक्ट बनाएगी। प्रदेश में इस वर्ष 2023-24 में संग्रहित 694.94 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ फूल में से 503.65 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ फूल का संग्रहण केवल मनेन्द्रगढ़ वनमंडल द्वारा किया गया है। इस तरह वनमंडल मनेन्द्रगढ़ फूड ग्रेड महुआ फूल संग्रहण कार्य में छत्तीसगढ़ में इस वर्ष प्रथम रैंक पर रहा।

भूपेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना में से एक वन धन केन्द्र है। इस केंद्र में महुआ फूल प्रसंस्कृत होने वाले वनोपजों में से महत्वपूर्ण है। पहली बार वन धन विकास केंद्र में महिला समूह महुआ फूल प्रोसेस कर फूड ग्रेडिंग महुआ फूल तैयार कर रही है। महुआ फूल मैनपुर विकासखण्ड के कांडसर कलस्टर में चयनित 1000 पेड़ों से हो रहा है। वहां जय मां भगवती स्वसहायता संगठन इस काम पर लगी हुई है। कच्चा महुआ 10 रुपए प्रति किलो के दर पर खरीदी कर वन धन केंद्र लाया जाता है। पिछले साल गोवा व लंदन में फूड ग्रेड महुआ टेंडर प्रक्रिया के तहत बिका था। इस बार प्रोसेसिंग वन धन केंद्र में किया जा रहा है।

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फूड ग्रेड महुआ फूल के तहत वनवासियों को मिल रहा लाभ

छत्तीसगढ़ में महुआ फूल की अपनी गुणवत्ता और भूपेश सरकार द्वारा दी जा रही नई तकनीक आदि की सुविधा से इसकी महक सात समंदर यानि अब देश-विदेश तक पहुंचने लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वनवासियों को लघुवनोंपजों के संग्रहण से लेकर प्रसंस्करण आदि कार्यों से संग्राहकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने निरंतर प्रयास हो रहे है। इस कड़ी में फूड ग्रेड महुआ फूल का संग्रहण बहुत लाभदायी है।

वनवासी क्षेत्र में महुआ फूल का उपयोग देशी शराब बनाने के लिए किए जाते है। अब वनोपज प्रसंस्करण को अधिक महत्व दिए जाने के कारण इस पर राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से शोध प्रारंभ कराया गया है। सीएफटीआरआई मैसूर की सहायता से महुआ एनर्जी बार, महुआ गुड़, आदि उत्पाद बनाने के तकनीक विकसित की गई है।

CM Bhupesh Baghel Scheme: सीएम भूपेश बघेल की पहल से महुआ फूलों के निर्यात से किसानों को फ़ायदा होने के साथ ही देसी पौधे को भी पहचान मिल रही है। इसके अलावा, यह गैर-पारंपरिक क्षेत्रों से कृषि उपज के निर्यात की दिशा में भी एक सकारात्मक विकास है। महुआ के फूलों के निर्यात से किसानों और आपूर्तिकर्ताओं की आय में भी वृद्धि हो रही है।

इस आधुनिक तकनीक से किया जा रहा कार्य

फूड ग्रेड महुआ की आधुनिक तकनीक से इसका संग्रहण कर इसे सुखाया जा रहा है और इसमे थोड़ा भी धूल व मिट्टी के कड़ नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश मे 9 वनमंडल मे फूड ग्रेड महुआ का संग्रहण किया जा रहा है जिसमें वनमंडल गरियाबंद, कटघोरा, कोरबा, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, धरमजयगढ़, जसपुर, मागेन्द्रगढ़, कोरिया शामिल है। महुआ से पहले सिर्फ शराब बनाया जाता था अब इस महुआ फुल को खाद्य प्रोडक्ट अभी बनाया जा रहा है इसलिए फूड ग्रेड महुआ की मांग बढ़ी है।

 

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