रायपुरः first sewerage treatment plant of Chhattisgarh मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के समीप बालीकोंटा में लगभग 54 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित प्रदेश के पहले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण विधिवत पूजा कर किया। इस अवसर पर उन्होंने इंद्रावती नदी की आरती तथा पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने नदी तथा अन्य जलस्त्रोतों की स्वच्छता को अत्यंत आवश्यक बताते हुए प्रदेश के सबसे पहले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के लिए बस्तर जिला प्रशासन और महापौर सफीरा साहू के नेतृत्व में जगदलपुर नगर निगम द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन कर तकनीकी जानकारी भी ली।
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first sewerage treatment plant of Chhattisgarh महापौर सफीरा साहू ने मुख्यमंत्री बघेल के जलस्त्रोतों के संरक्षण के लिए चलाए जा रहे नरवा कार्यक्रम को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि इससे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को शीघ्र पूर्ण करने की प्रेरणा मिली है। मुख्यमंत्री बघेल के करकमलों से ही इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की आधारशिला अगस्त 2019 में रखी गई थी। वहीं इस प्लांट के निर्माण में मिले सतत मार्गदर्शन और सहयोग से इसका निर्माण निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया गया। महापौर साहू ने इसके लिए मुख्यमंत्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया।
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मुख्यमंत्री बघेल को इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में प्रयुक्त तकनीकी के संबंध में जानकारी देते हुए कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि बालीकोंटा में अमृत मिशन योजनातंर्गत 25 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया गया है। संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में लगभग 180 लाख लीटर प्रदूषित पानी रोज दलपत सागर और इंद्रावती नदी में जाकर मिलता है। इस पानी में मौजूद बैक्टीरिया, टर्बिडिटी और बढ़े हुए पीएच मान के कारण यह पानी दलपत सागर और इंद्रावती नदी के पानी को प्रदूषित कर देता था। शहर के इस गंदे पानी के शुद्धिकरण के लिए लगभग 10 किलोमीटर लंबे पाईपलाइन के माध्यम से इसे बालीकोंटा पहुंचाया जा रहा है, जहां निर्मित प्लांट में तीन चरणों में इस पानी के शुद्धिकरण के बाद इसे इंद्रावती नदी में छोड़ा जाएगा। अमृत मिशन योजना के तहत निर्मित इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 250 लाख लीटर पानी को साफ किया जा सकता है। शुद्धिकरण के बाद इस पानी को वापस इंद्रावती नदी में छोड़ने पर नदी के जलस्तर में आ रही कमी की समस्या से भी निजात मिलेगी। दलपत सागर के 3 नाले, महादेव घाट में 1 नाला, केन्द्र बन्दीगृह के पीछे 2 नाले, पावर हाऊस में 1 नाला, इंटेक वैल के पास 1 नाला और लक्ष्मी नारायण मंदिर राजा कब्रगाह के पास 2 नालों से यह पानी इंद्रावती नदी और दलपत सागर के पानी में मिलते हैं। इन 10 नालों को एक साथ जोड़कर आर.सी.सी. पाइप द्वारा बालीकोंटा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में मेन पम्पींग स्टेशन में लाया जायेगा।
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इस अवसर पर प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव रेखचन्द जैन, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, महापौर सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू, कमिश्नर श्याम धावड़े, कलेक्टर बस्तर रजत बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा, जिला पंचायत बस्तर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास, नगर निगम बस्तर आयुक्त प्रेम पटेल सहित जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।