श्रमिकों के बच्चों को जुलाई से निःशुल्क कोचिंग की सुविधा मिलेगी

श्रमिकों के बच्चों को जुलाई से निःशुल्क कोचिंग की सुविधा मिलेगी

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  • Publish Date - June 29, 2024 / 04:00 PM IST,
    Updated On - June 29, 2024 / 04:00 PM IST

रायपुर, 29 जून (भाषा) छत्तीसगढ़ सरकार ने इस वर्ष जुलाई महीने से श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी), छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) और बैंकिंग समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग की सुविधा मिलेगी। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने जुलाई से श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत पीएससी, व्यापम और बैंकिंग समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग की सुविधा श्रमिकों के बच्चों को मिलेगी।

राज्य के 10 जिलों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चांपा और महासमुंद जिले में इस योजना की शुरुआत की जा रही है।

राज्य के श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के पंजीकृत हितग्राहियों के लिए ‘मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना’ शुरू की गई है।

देवांगन ने बताया कि श्रमिक परिवार के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर सुविधाओं की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पंजीकृत श्रमिक और पंजीकृत श्रमिकों की संतानों को शैक्षणिक योग्यता अनुसार लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल, कर्मचारी चयन आयोग, बैंकिग, रेलवे, पुलिस भर्ती और अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए चार से 10 माह तक की निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक और पात्र हितग्राही स्वयं, ‘च्वाइस सेंटर’ या श्रम कार्यालय के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि यदि हितग्राही की मृत्यु नौ जून 2020 से पहले हुई है तब भी योजना के लिए उनके बच्चे पात्र हैं।

साथ ही वे हितग्राही जो ‘मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना’ से जुड़े हुए हैं वे भी आवेदन कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

देवांगन ने बताया कि यह कोचिंग ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी होगी ताकि विभिन्न परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को दोनों का विकल्प मिल सके।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया तीन जिले रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में विद्यार्थियों के कुल (50-50) चार बैच बनाए गए हैं। अन्य जिलों से आए आवेदन का परीक्षण कर बैच बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

भाषा संजीव

सिम्मी संतोष

संतोष