बीजापुर, 17 जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बृहस्पतिवार को सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में मारे गए 12 नक्सली बस्तर क्षेत्र में माओवादी संगठन की सबसे मजबूत इकाई से जुड़े थे। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी नहीं की गई है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि वे माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर एक और सेंट्रल रीजनल कमेटी कंपनी के सदस्य थे।
पीएलजीए प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सशस्त्र शाखा है।
पुलिस के अनुसार, पीएलजीए बटालियन नंबर एक को आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र में माओवादियों का सबसे मजबूत संगठन माना जाता है और इसका नेतृत्व देवा करता है। इसने पहले भी दक्षिण बस्तर में सुरक्षाकर्मियों पर कई घातक हमले किए हैं।
उन्होंने बताया कि इससे पहले इस संगठन का नेतृत्व हिडमा करता था, जिसे बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के खिलाफ कई बड़े हमलों का साजिशकर्ता माना जाता है। बस्तर क्षेत्र में सात जिले शामिल हैं।
उनके अनुसार, बीजापुर जिले के पामेड़-बासागुड़ा-उसूर अक्ष के घने जंगल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बृहस्पतिवार को 12 नक्सली मारे गए थे। उन्होंने बताया कि शवों के अलावा घटनास्थल से हथियार भी बरामद किए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि इलाके में तलाशी अभियान अब भी जारी है और सुरक्षा बलों के शुक्रवार शाम तक अपने ठिकानों पर लौटने की संभावना है।
इस अभियान के दौरान नक्स्लियों द्वारा लगाई गई बारूदी सुरंग में दो कोबरा कमांडो घायल हो गए। जिन्हें रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। गृह विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने शुक्रवार सुबह अस्पताल का दौरा किया।
छत्तीसगढ़ में इस साल अब तक अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल मिला कर 26 नक्सली मारे जा चुके हैं ।
पिछले साल अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने पूरे प्रदेश में कुल 219 नक्सलियों को मार गिराया था ।
भाषा रंजन रंजन वैभव
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