छत्तीसगढ़ के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी में भी होगी पढ़ाई : साय

छत्तीसगढ़ के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी में भी होगी पढ़ाई : साय

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  • Publish Date - September 14, 2024 / 09:03 PM IST,
    Updated On - September 14, 2024 / 09:03 PM IST

रायपुर, 14 सितंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी में भी पढ़ाई होने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री साय ने शनिवार को हिंदी दिवस के अवसर पर अपने आधिकारिक निवास में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी में भी पढ़ाई शुरू करने की घोषणा की।

साय ने कहा, ”हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि एमबीबीएस की पढ़ाई की व्यवस्था भी हम हिंदी में करेंगे। इस साल के प्रथम सत्र 2024-25 में एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिंदी में भी उपलब्ध होगी। इसके लिए छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप आवश्यक पुस्तक उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए हैं।”

मुख्यमंत्री ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, ”हिंदी दिवस की सार्थकता इस बात में है कि हम शासन-प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिंदी को लागू करें, हिंदी को बढ़ावा दें।”

उन्होंने कहा, ”हमें इस बात की खुशी है कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2022 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव की रैली में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने की मंशा जाहिर की थी, हम उसका क्रियान्वयन करने जा रहे हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय हैं। हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने का सबसे अधिक लाभ हमारे ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को होगा जो अधिकतर हिंदी माध्यम से होते हैं और प्रतिभाशाली होने के बावजूद अंग्रेजी की वजह से उन्हें चिकित्सा पाठ्यक्रम में कुछ दिक्कत आती है। अब यह दिक्कत दूर हो जाएगी। इससे चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं का आधार भी मजबूत होगा और अच्छे चिकित्सक तैयार करने में इससे अधिक मदद मिलेगी।

साय ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा दिए जाने का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे विषय की बारीक समझ बनती है, इसे हम छत्तीसगढ़ में हर स्तर पर कार्यान्वित करने के लिए कृत संकल्पित हैं।

इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी मौजूद थे।

भाषा

संजीव, रवि कांत रवि कांत