Publish Date - October 1, 2022 / 01:20 AM IST,
Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST
रायपुर : Chhattisgarh government wil start ‘ Siyan Helpline’ : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में अकेले रहने वाले वृद्धजन की सहायता के लिए ‘सियान हेल्पलाइन’ शुरू करने का फैसला किया है। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर बुजुर्गों के लिए एक नवंबर यानी राज्य निर्माण दिवस से सियान हेल्पलाइन शुरू करने की घोषणा की है।
Chhattisgarh government wil start ‘ Siyan Helpline’ : यह हेल्पलाइन ऐसे वृद्धजन को आपात स्थितियों में सहायता पहुंचाने में मदद करेगी, जिनकी संतानें देश-विदेश के अन्य स्थानों में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश जारी कर पुलिस और समाज कल्याण विभाग से चर्चा कर हेल्पलाइन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए कहा है।
Chhattisgarh government wil start ‘ Siyan Helpline’ : अधिकारियों ने बताया कि ऐसे वृद्धजन जो घर में अकेले हैं और जिनकी संतानें प्रदेश के बाहर कार्यरत हैं, उनके लिए आपात स्थितियों में सहायता के लिए प्रदेश में कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं थी और इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने सियान हेल्पलाइन शुरू करने की पहल की हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले वृद्धजन की समुचित देखभाल करना सरकार का नैतिक दायित्व है और राज्य सरकार बुजुर्गों को हर संभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है।
Chhattisgarh government wil start ‘ Siyan Helpline’ : उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति समाज में सम्मानजनक वातावरण, जीवन एवं सम्पत्ति की सुरक्षा, चिकित्सकीय देखभाल, आश्रय प्रदान करने तथा विधिक सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पेंशन योजना और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के माध्यम से बुजुर्गों को पेंशन राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि निराश्रित बुजुर्गों को निःशुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा तथा पारिवारिक वातावरण प्रदान करने के लिए राज्य के 23 जिलों में 31 वृद्धाश्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम संचालित हो, जिससे निराश्रित बुजुर्गों को आश्रय मिल सके।