छत्तीसगढ़ः बलौदाबाजार हिंसा के विरोध में कांग्रेस का राज्य भर में प्रदर्शन, सरकार पर निशाना साधा |

छत्तीसगढ़ः बलौदाबाजार हिंसा के विरोध में कांग्रेस का राज्य भर में प्रदर्शन, सरकार पर निशाना साधा

छत्तीसगढ़ः बलौदाबाजार हिंसा के विरोध में कांग्रेस का राज्य भर में प्रदर्शन, सरकार पर निशाना साधा

:   Modified Date:  June 18, 2024 / 07:35 PM IST, Published Date : June 18, 2024/7:35 pm IST

रायपुर, 18 जून (भाषा) कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ सरकार पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में सतनामी समाज के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को रोकने में असफलता का आरोप लगाते हुए मंगलवार को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर धरना दिया।

सतनामी समाज ने धार्मिक स्तंभ को नुकसान पहुंचाए जाने के खिलाफ 10 जून को प्रदर्शन किया था। इस दौरान भीड़ ने बलौदाबाजार शहर में एक सरकारी कार्यालय और 150 से अधिक वाहनों में आग लगा दी थी।

कांग्रेस द्वारा राजधानी रायपुर समेत विभिन्न जिला मुख्यालयों पर आयोजित धरना-प्रदर्शन में पार्टी के विभिन्न नेताओं ने शिरकत की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में राजीव गांधी चौक पर आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा लिया जबकि विपक्ष के नेता चरणदास महंत कोरिया जिले में धरना प्रदर्शन में शामिल हुए।

बघेल ने विष्णुदेव साय सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले महीने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में सतनामी समाज के ‘जैतखाम’ में तोड़फोड़ की घटना में राज्य सरकार की कार्रवाई से सतनामी समाज असंतुष्ट है।

बघेल ने आरोप लगाया कि बलौदाबाजार में 10 जून के विरोध-प्रदर्शन के लिए भाजपा के नेताओं ने प्रदर्शनकारी जुटाए थे और प्रदर्शन की अनुमति के लिए भाजपा नेता सनम जांगड़े ने कलेक्टर को पत्र भी सौंपा था। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने प्रदर्शनकारियों के लिए टेंट और भोजन की व्यवस्था की थी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यदि भाजपा (प्रदर्शन में) शामिल नहीं होती तो (प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा) पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाती और अगर वे (भाजपाई) शामिल नहीं होते तो पानी की बौछारें और आंसू गैस का इस्तेमाल किया जाता। लेकिन इनमें से कोई भी उपाय नहीं किया गया। इसका मतलब है कि हिंसा की घटना भाजपा नेताओं और प्रशासन की मिलीभगत के कारण हुई।’

बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ और देश के इतिहास में यह पहली घटना है जिसमें कलेक्टर और एसपी के कार्यालय जलाए गए हैं।

उन्होंने इस घटना के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और मुख्यमंत्री साय के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, ‘यह अक्षम भाजपा सरकार आस्था के केंद्र और सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा करने में विफल रही है।’

उन्होंने गृह विभाग का जिम्मा संभालने वाले उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की भी आलोचना की।

इस वर्ष 15 और 16 मई की रात में अज्ञात लोगों ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के पास सतनामी समाज द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक ‘जैतखाम’ या ‘विजय स्तंभ’ को तोड़ दिया था। पुलिस ने इस घटना में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।

वहीं इस घटना के विरोध में सतनामी समाज ने 10 जून को दशहरा मैदान बलौदाबाजार में प्रदर्शन और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और पथराव होने के कारण प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता के तहत धारा 144 लगा दी थी। निषेधाज्ञा 16 जून तक लगाई गई थी, जिसे बाद में 20 जून तक बढ़ा दिया गया है।

घटना के बाद राज्य सरकार ने बलौदाबाजार-भाटापारा के कलेक्टर केएल चौहान और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार का तबादला कर दिया था। बाद में ‘जैतखाम’ को नुकसान पहुंचाने के बाद उचित कार्रवाई नहीं करने के आरोप में दोनों को निलंबित कर दिया था।

पुलिस ने बताया कि सोमवार तक आगजनी के सिलसिले में 132 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

वहीं, राज्य के खाद्य विभाग के मंत्री दयालदास बघेल और राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कांग्रेस नेताओं पर 10 जून को विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा था, ‘शांति और भाईचारे का संदेश देने वाले सतनामी समाज द्वारा ऐसा अपराध कभी नहीं किया जा सकता। इस पूरी घटना के पीछे एक राजनीतिक साजिश है।’

उनके आरोपों का खंडन करते हुए कांग्रेस ने दावा किया था कि मंत्रियों ने अपनी सरकार की विफलता और अक्षमता को छिपाने के लिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं।

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी। राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोगों की है तथा यह समुदाय यहां के प्रभावशाली समुदायों में से एक है।

भाषा संजीव दिलीप पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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