रायपुर, 27 जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ में विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को राज्य में सभी 10 महापौर पदों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राज्य में अगले महीने अन्य नगरीय निकायों के साथ महापौर पद के लिए मतदान होगा।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि पार्टी ने निवर्तमान महापौर डॉक्टर अजय तिर्की को अंबिकापुर से, पूर्व विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल को चिरमिरी से, दीप्ति प्रमोद दुबे को रायपुर से, दो बार की पूर्व पार्षद प्रेमलता पोषण साहू को दुर्ग से, प्रमोद नायक को बिलासपुर से और ऊषा तिवारी को कोरबा से चुनाव मैदान में उतारा है।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रभारी महासचिव (संगठन और प्रशासन) मलकीत सिंह गैंदू जगदलपुर में महापौर पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार हैं, निवर्तमान महापौर जानकी काटजू रायगढ़ में, निखिल द्विवेदी राजनांदगांव में और विजय गोलछा धमतरी में महापौर पद के उम्मीदवार हैं।
अंबिकापुर नगर निगम से दो बार महापौर रह चुके डॉक्टर अजय तिर्की ने 2014-15 में पहली बार महापौर का चुनाव जीता था। उन्हें 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने रामानुजगंज सीट से मैदान में उतारा था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
डॉक्टर विनय जायसवाल पिछली विधानसभा (2018-2023) में मनेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से विधायक थे। उनकी पत्नी कंचन जायसवाल चिरमिरी नगर निगम से महापौर हैं।
रायपुर नगर निगम में महापौर पद के लिए मैदान में उतरीं दीप्ति दुबे रायपुर नगर निगम के पूर्व महापौर और निवर्तमान अध्यक्ष प्रमोद दुबे की पत्नी हैं।
पार्टी ने 40 नगर पालिका परिषदों और 102 नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों के लिए भी उम्मीदवारों की घोषणा की।
रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी 10 महापौर पदों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की थी।
10 नगर निगमों, 49 नगर परिषदों और 114 नगर पंचायतों सहित 173 नागरिक निकायों के चुनाव 11 फरवरी को एक ही चरण में होंगे, जबकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 17, 20 और 23 फरवरी को तीन चरणों में आयोजित किए जाएंगे।
2019-2020 में हुए पिछले शहरी निकाय चुनावों में राज्य के सभी 10 नगर निगमों में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस के महापौर बने थे। पिछली बार, महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से हुए थे – जनता सीधे पार्षदों का चुनाव करती थी और फिर पार्षद महापौर का चुनाव करते थे। अप्रत्यक्ष पद्धति को 2019 में तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने पेश किया था।
इस बार, विष्णु देव साय सरकार ने पिछली प्रत्यक्ष प्रणाली को बहाल कर दिया है जिसके तहत लोग सीधे महापौर का चुनाव करने के लिए मतदान करेंगे।
भाषा संजीव मनीषा
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