(रिपोर्टःराजेश मिश्रा) रायपुरः Chhattisgarh BJP विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, वक्त कम बचा है। ऐसे में सत्ता में लौटने के लिए भाजपा पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर अलग-अलग अभियान छेड़ने की तैयारी में है। लेकिन ऐसे वक्त में भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व सांसद नंदकुमार साय ने ये कहकर माहौल गर्मा दिया कि प्रदेश बीजेपी में आक्रामक नेतृत्व होना चाहिए। इस पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि 15 साल के कार्यकाल में बीजेपी के नेता भ्रष्टाचार में डूबे रहे अब वे आक्रामक कैसे हो सकते हैं। नंद कुमार साय के बयान के क्या है सियासी मायने और क्या आक्रमकता ही बीजेपी को आगामी विधानसभा चुनाव में दिलाएगी जीत ?>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
Chhattisgarh BJP बीजेपी के पूर्व सांसद और वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय अपने मुखर अंदाज और तेजतर्रार बयानों के लिए जाने जाते हैं। एक बार फिर इन्होंने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाते हुए नेतृत्व परिवर्तन की बात दोहराई है। साय ने दो टूक कहा है कि समीक्षा करने की जरूरत है क्यों कि अब चुनाव के लिए समय नहीं बचा है।
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नंद कुमार साय का बयान ऐसे समय आया है, जब कांग्रेस सरकार को घेरने बीजेपी विधानसभा और बूथ स्तर पर उतरने वाली है। लेकिन प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाकर साय ने सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। आक्रामक नेतृत्व के मुद्दे पर बीजेपी नेता सधी हुई प्रतिक्रिया दे रहे है तो कांग्रेस चुटकी ले रही है कि 15 साल के भ्रष्टाचार के बाद BJP आक्रमक कैसे हो सकती है ?
जाहिर है बीजेपी के सत्ता गंवाने के बाद कई मौकों पर वो प्रदेश नेतृत्व को कटघरे में खड़ा करते हुए संगठन के जनाधार को मजबूत करने के लिए एक मजबूत और आक्रामक नेता की जरूरत बता चुके हैं। अब सवाल है कि बीजेपी का प्रदेश नेतृत्व नंदकुमार साय की सलाह को कितनी गंभीरता से लेता है। आगामी चुनाव से पहले बीजेपी आक्रमक चेहरे को सामने लाती है या फिर पुराने चेहरे के दम पर ही मैदान में उतरती है।