स्पीकर डॉ चरणदास महंत ने गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती, प्रकाश पर्व पर प्रदेशवासियों को दी बधाई

स्पीकर डॉ चरणदास महंत ने गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती! Charandas Mahant wishes for Birth anniversary of Shree Guru Govind singh

  •  
  • Publish Date - January 8, 2022 / 07:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

रायपुर: Charandas Mahant wishes छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के “अवतरण दिवस” प्रकाश पर्व पर प्रदेशवासियों को दी बधाई एवं शुभकामनाएं।

Read More: टीवी शो ‘तारक मेहता…’ की ‘बबिता जी’ का मिनी ड्रेस में कातिलाना डांस, जमकर वायरल हो रहा वीडियो

Charandas Mahant wishes डॉ महंत ने कहा, गुरुगोविंद सिंह जी सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते हैं। वे सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे। कुछ ज्ञानी कहते हैं कि जब-जब धर्म का ह्रास होता है, तब-तब सत्य एवं न्याय का विघटन भी होता है तथा आतंक के कारण अत्याचार, अन्याय, हिंसा और मानवता खतरे में होती है। उस समय दुष्टों का नाश एवं सत्य, न्याय और धर्म की रक्षा करने के लिए ईश्वर स्वयं इस भूतल पर अवतरित होते हैं। उन्होंने सिक्ख क़ानून को सूत्रबद्ध किया, काव्य रचना की और सिक्ख ग्रंथ ‘दसम ग्रंथ’ (दसवां खंड) लिखकर प्रसिद्धि पाई, देश, धर्म और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सिक्खों को संगठित कर सैनिक परिवेश में ढाला। दशम गुरु गोबिन्द सिंह जी स्वयं एक ऐसे ही महापुरुष थे, जो उस युग की आतंकवादी शक्तियों का नाश करने तथा धर्म एवं न्याय की प्रतिष्ठा के लिए गुरु तेग़बहादुर सिंह जी के यहाँ अवतरित हुए। इसी उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा था। “मुझे परमेश्वर ने दुष्टों का नाश करने और धर्म की स्थापना करने के लिए भेजा है।“

Read More: इन राज्यों में लगा वीकेंड लॉकडाउन, बंद रहेंगी शराब दुकान सहित ये सेवाएं, जानिए पूरी डिटेल

गुरु गोबिंद सिंह जी ने बताया ख़ालसा का अर्थ है ख़ालिस अर्थात् विशुद्ध, निर्मल और बिना किसी मिलावट वाला व्यक्ति। इसके अलावा हम यह कह सकते हैं कि ख़ालसा हमारी मर्यादा और भारतीय संस्कृति की एक पहचान है, जो हर हाल में प्रभु का स्मरण रखता है और अपने कर्म को अपना धर्म मान कर ज़ुल्म और ज़ालिम से लोहा भी लेता है। गोबिन्द सिंह जी ने एक नया नारा दिया है – वाहे गुरु जी का ख़ालसा, वाहे गुरु जी की फतेह। गुरु जी द्वारा ख़ालसा का पहला धर्म है कि वह देश, धर्म और मानवता की रक्षा के लिए तन-मन-धन सब न्यौछावर कर दे।

Read More: ए​क ही परिवार के चार सदस्यों ने कर ली खुदकुशी, आत्महत्या करने से पहले भाई को भेजा था ऑडियो मैसेज