जांच की चुनौती..दबाव की रणनीति ! झीरम, जख्म, तकरार..कब तक इंतजार?

Challenge of investigation : झीरम घाटी कांड के पीड़ितों को कब इंसाफ मिलेगा, झीरम की हकीकत कब सामने आएगी, क्या झीरम पर अवसरवादी

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  • Publish Date - February 9, 2023 / 10:16 PM IST,
    Updated On - February 9, 2023 / 10:16 PM IST

रायपुर : Challenge of investigation : झीरम घाटी कांड के पीड़ितों को कब इंसाफ मिलेगा, झीरम की हकीकत कब सामने आएगी, क्या झीरम पर अवसरवादी सियासत हो रही है? आज ये सवाल इसलिए क्योंकि घटना के 1-2 साल नहीं बल्कि एक दशक होने वाले हैं। लेकिन आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थम नहीं रहा। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा से पूछताछ की मांग फिर उठाई तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह और मुकेश गुप्ता के नार्को टेस्ट की बात कह दी।

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अब तक नहीं धुला धान के कटोरे पर लगा दाग

Challenge of investigation :  धान के कटोरे पर लगा ये दाग अब तक नहीं धुला है। 10 साल में ना तो सच सामने आया और ना ही पीड़ितों को इंसाफ मिल पाया। इस कांड पर कुछ हो रहा है.. तो वो है कोरी सियासत। बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा से अब एक बार फिर पूछताछ की मांग उठाई है। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि लखमा घटना के चश्मदीद हैं इसलिए उनका इस्तीफा लेकर पूछताछ करनी चाहिए।

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कांग्रेस को झीरम कांड का सबसे ज्यादा गम

Challenge of investigation :  झीरम कांड का सबसे ज्यादा गम कांग्रेस को रहा है। ऐसे में बीजेपी की इस मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूर्व सीएम रमन सिंह और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता का नार्को टेस्ट होना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि सच सामने लाने के लिए NIA राज्य सरकार को जांच करने दे। इस पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने पलटवार किया कि NIA जांच एजेंसी इन्होंने तय की थी।

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Challenge of investigation :  झीरम को लेकर कई सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं।ये घटना सुरक्षा में चूक थी, राजनीतिक साजिश या कुछ और.. जनता इस कांड की हकीकत जानना चाहती है.. लेकिन बार-बार सियासी आरोप-प्रत्यारोप से सिर्फ जख्म हरे हो रहे हैं, इंसाफ नहीं मिल रहा।

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