न नीति…न रोजगार…’योग आयोग’ क्यों लाचार? छत्तीसगढ़ में दर-दर भटकने को मजबूर हैं योग प्रशिक्षक

छत्तीसगढ़ में दर-दर भटकने को मजबूर हैं योग प्रशिक्षक! CG yog Ayog have Not Regularity and Job for Yoga instructors

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  • Publish Date - June 20, 2022 / 05:05 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

रायपुर: Job for Yoga instructors आज से ठीक दो दिन बाद पूरे विश्व के साथ छत्तीसगढ़ भी अंतरराष्ट्रीय विश्व योग दिवस जोर-शोर से मनाएगा। लेकिन छत्तीसगढ़ में योग टीचर आंदोलनरत हैं, यानी जिनका काम हमको और आपको योग सीखने का है वही आंदोलन कर रहे हैं। असल में इनकी मांग हैं कि योग को लेकर सरकार कोई रोजगार नीति लाए।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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Job for Yoga instructors दरअसल राज्य के 12 यूनिवर्सिटी और 35 कॉलेज में योग कोर्स चल रहे है, जहां से 20 सालों में अब तक लगभग 12 हजार योग टीचर निकल चुके हैं। लेकिन आज तक इन्हें नौकरी नहीं दी गई। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि छत्तीसगढ़ उन चुंनिदा राज्यों में हैं, जहां योग के लिए आयोग बना है। लेकिन यहां भी योग प्रशिक्षक दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

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21 जून को पूरा देश और प्रदेश अंतरराष्ट्रीय विश्व योग दिवस के रूप में मनाने वाला है। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक योग करते हैं और योगी क्या महत्व हमारे जीवन में इसे बताते हैं, यह भी कहते हैं कि लोगों को अपने जीवन में अपनाएं लेकिन जो छात्र योग की पढ़ाई कर रहे हैं वह दोनों आंदोलनरत हैं उनकी मांग है कि योग को लेकर कोई रोजगार नीति लाई जाए।

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छत्तीसगढ़ में 12 से विश्वविद्यालय हैं जो योग की पढ़ाई करवाते हैं वही 35 महाविद्यालयों में भी योग की शिक्षा दी जाती है। प्रदेश में सन 2002 से योग में पाठ्यक्रम संचालित है। वर्तमान में इन विश्वविद्यालयों की संख्या 12 एवं महाविद्यालयों की संख्या 35 हो गया है लेकिन अभी तक योग के क्षेत्र में कोई भी पद की भर्ती नही किया गया है प्रति वर्ष इन महाविद्यालयों एव विश्विद्यालयों से लगभग 15 सौ की संख्या में छात्र/ छात्रएं योग की विषय मे डिग्री डिप्लोमा में उत्तीर्ण होकर निकलते है।

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देश में प्रथम “योग अयोग” का गठन सन 2017 में पहली बार छत्तीसगढ़ प्रदेश में हुआ था, जिसके बाद योग शिक्षकों में रोजागर को लेकर सकारात्मक भाव पैदा हुआ था। लेकिन योग आयोग द्वारा योग के क्षेत्र में रोजागर को लेकर अभी तक कोई नीति रीति का निर्माण तक नही किया गया है। प्रदेश में संचालित हो रहे दर्जनों विश्विद्यालय एव महाविद्यालय में हर साल हजारों के तादात में योग डिग्री, डिप्लोमा प्राप्त करने वाले छात्रओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है चुकी प्रदेश में अभी तक योग सरकारी पद शून्य है।

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