CG Politics: रायपुर। पहले चरण के बाद 26 अप्रैल को दूसरे फेज में छ्तीसगढ़ की 3 सीटों कांकेर, महासमुंद, राजनांदगांव में वोटिंग होगी, जिसके प्रचार के लिए अब बस 2 दिन बचे हैं। प्रचार वार में बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने देश और प्रदेश में कांग्रेस को मुस्लिम तुष्टिकरण और नक्सलवाद पर घेरते हुए आदिवासियों पर फोकस किया है। चुनावी रणनीति के माहिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि बीजेपी का मानना है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार आदिवासियों का है। ऐसे में सवाल है, कि संसाधनों पर आदिवासी के हक का सवाल उठाकर, बीजेपी क्या कांग्रेस को अपनी पिच पर चौतरफा चित कर पाएगी ? कांग्रेस के पास क्या रणनीति है इससे बचाव की….?
देश के केंद्रीय मंत्री अमित शाह के संबोधन से साफ है कि देश-प्रदेश में बीजेपी का पूरा फोकस ‘आदिवासी वर्ग’ पर है। कांकेर के नरहरदेव मैदान पर हुई आम सभा के मंच पर गृहमंत्री शाह ने कांग्रेस को घेरते हुए पूर्व PM मनमोहन सिंह के भाषण की याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस मानती है कि देश के संसाधन पर पहला हक, माइनॉरिटी का है, मुसलमानों का है। जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनका है। लेकिन, भाजपा का मानना है कि हर संसाधन पर सबसे पहला हक गरीबों का, आदिवासियों का है। 4 पीढ़ी राज करने के बाद भी आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ को अलग प्रदेश बीजेपी ने बनाया।
शाह ने चैलेंज करते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में विकास की राह का सबसे बड़ा रोड़ा नक्सलवाद है। 2 साल में प्रदेश से नक्सलवाद का सफाया होगा। बेहतर होगा बचे-खुचे नक्सलियों सरेंडर कर दें। शाह ने याद दिलाया कि मोदी सरकार ने आदिवासियों को सुरक्षा-सम्मान दिया। एक आदिवासी को देश का राष्ट्रपति बनाया है। शाह ने दावा किया कि पिछली UPA सरकार ने आदिवासियों के लिए 24 हजार करोड़ का बजट दिया, जबकि मोदी जी ने 1 लाख 24 हजार करोड़ का बजट दिया।
शाह के इस वार पर कांग्रेस ने पटवार में देर ना की। कांग्रेस ने बीजेपी पर झूठ और छलावे की सियासत करने का आरोप लगाए, जिस पर प्रदेश बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसा है। पहले चरण के बाद, बीजेपी की बदली हुई रणनीति साफ नजर आने लगी है। पहले देश के प्रधानमंत्री का कांग्रेस के मेनिफेस्टों के बहाने वार और केंद्रीय मंत्री शाह का डॉ मनमोहन के माइनोरिटीज का हक वाले बयान को याद दिलाना, सिद्ध करता है कि बीजेपी एक बार फिर, प्रदेश में आदिवासियों के हक और हित को सर्वोपरी बताकर, नक्सवाद और मुस्लिम तुष्टीकरण पर कांग्रेस को घेर रही है। सवाल है हिंदुत्व, गरीबी और आदिवासी जैसी बीजेपी की सबसे मजबूत पिच पर घिरी कांग्रेस के पास अब क्या रणनीति है, इससे बचाव की ?