रायपुर : CG Politics : क्या प्रदेश में नक्सली टार्गेट किलिंग कर रहे हैं। क्या नक्सलियों को निशाने पर प्रदेश के भाजपा नेता हैं। एक ताजा नक्सली वारदात के बाद, से सवाल एक बार फिर उठाया है प्रदेश बीजेपी ने। पिछली घटनाओँ को साथ जोड़ते हुए भाजपा ने सवाल उठाया है कि बस्तर में नक्सिलयों के निशाने पर अकेले बीजेपी नेता क्यों हैं। जवाब में सत्ता पक्ष का दावा है कि ये केवल सुरक्षा का मामला है, नक्सलियों की खीज है क्योंकि वो लगातार कार्रवाईयों से काफी पीछे धकेले जा चुके हैं। वास्तविकता क्या है, इस नक्सली घटनाओं को बीजेपी के पास टार्गेट किलिंग कहने के क्या तर्क हैं और क्या वाकई ये केवल सुरक्षा का मसला है।
CG Politics : ये तस्वीरें नक्सलियों के हमले में घायल भाजपा नेता महेश गोटा की हैं, जिनकी हालत गंभीर है। बस्तर के बीजापुर जिले के कुटरू इलाके के महेश गोटा भाजपा आईटी सेल के प्रभारी हैं। नक्सलियों ने पिछले दो दिन से उन्हें बंधक बनाकर रखा था। फिर अधमरा कर सोमपल्ली के जंगल में छोड़ दिया। पिछले एक साल में नक्सली बीजापुर में ही भाजपा के 4 नेताओं की हत्या कर चुके हैं, वहीं बस्तर में करीब आधा दर्जन भाजपा नेता अलग-अलग नक्सली घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं। भाजपा ने इसे टारगेट किलिंग बताते हुए सवाल उठाया है कि नक्सलियों के निशाने पर भाजपा नेता ही क्यों हैं?
बस्तर में नक्सलियों के हाथों भाजपा नेताओं की सिलसिलेवार हत्या को भाजपा सियासी मुद्दा बना रही है। जिस पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ये आरोप गलत हैं। आज नक्सली बहुत पीछे धकेल दिए गए हैं। नक्सलियों का घर जाकर हत्या करने का नया ट्रेंड चल रहा है, जिसमें सबको सचेत रहने की जरुरत है।
नक्सली घटनाओं और इसमें नेताओं के टारगेट में होने को लेकर पुलिस भी यही कह रही है कि नक्सल इलाकों में सॉफ्ट टारगेट को निशाना बनाकर नक्सली प्रचार हासिल करना चाहते हैं। पुलिस ने सुरक्षा को लेकर सभी जनप्रतिनिधियों को अलर्ट किया है।
CG Politics : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। सूबे की सियासत में बस्तर सबसे अहम है। ऐसे में भाजपा नेता पर हो रहे नक्सली हमले पर सियासी संग्राम स्वभाविक है। लेकिन तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच ये सवाल है कि क्या नक्सली हमला सिर्फ सुरक्षा का मामला है…?