Cg me ghumne layak jagah: देखने लायक है धमतरी जिले का ये जलप्रपात, अद्भुत नजारा देख आपका भी मन हो जाएगा ताजा, मोह लेगा ये दूधिया झरना

Cg me ghumne layak jagah: देखने लायक है धमतरी जिले का ये जलप्रपात, अद्भुत नजारा देख आपका भी मन हो जाएगा ताजा, मोह लेगा ये दूधिया झरना

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  • Publish Date - January 10, 2025 / 09:10 AM IST,
    Updated On - January 10, 2025 / 10:59 AM IST

धमतरी: Cg me ghumne layak jagah अगर आप भी सर्दियों के मौसम में घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो यह समय बेहद खास हो सकता है। सर्दियां घूमने के लिए बेहतरीन मौसम होती हैं क्योंकि इस समय मौसम ठंडा और सुहावना रहता है, जो यात्रा का आनंद और भी बढ़ा देता है। ऐसा ही शानदार जगह छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित है, जहां जानें से खुशियों दो​गुनी हो जाती है। दरअसल, धमतरी जिले के घने जंगल में 22 फिट ऊँचे चट्टानों के बीच से गिरता दुधिया रंग के पानी का खूबसूरत नजारा नरहरा धाम का है। इसे ऋषि मारकंडे की तपोभूमि के नाम से भी जाना जाता है। नगरी विकासखण्ड के ग्राम झूरातराई-कोटरवाही के समीप स्थित नरहरा धाम प्राकृतिक जलप्रपात को पर्यटन के दृष्टिकोण से उभारा गया है। इसकी खासियत यह है कि नरहरा धाम को पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित करने के साथ-साथ इसमें ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है, जिससे उन्हें निश्चित आय और रोजगार मुहैया हो।

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Cg me ghumne layak jagah नरहरा धाम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर उसका प्रबंधन एवं नियंत्रण का प्राधिकार ग्राम समिति अथवा ग्रामसभा ग्राम कोटरवाही एवं झूरातराई के ग्रामीणों को दिया गया है। नरहरा धाम पहुंचने के लिए पहुंच मार्ग तैयार किया गया है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण किया गया है। पर्यटन क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय, स्वच्छता, वाहन पार्किंग, टुरिस्ट गाइड आदि का संचालन स्थानीय ग्रामीण महिलाओं और पुरूषों के समूह द्वारा की जा रही है।

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धमतरी जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर यह नरहरा धाम कुकरेल से बिरझुली जाने वाली पक्की सड़क के बाद कोटरवाही से 5 किलोमीटर है। जलप्रपात का स्वरूप पूरी तरह से प्राकृतिक है और आसपास का पूरा पानी बहकर आगे बढ़ने के दौरान नरहरा धाम में जलप्रपात का स्वरूप लेता है। चट्टानों के ऊपर से पानी का बहाव साफ जाहिर करता है कि पानी के तेज बहाव में चट्टानों को काटकर प्राकृतिक सौंदर्य का रूप दिया है। यह पानी आगे बढ़कर महानदी में जाकर मिलता है। नरहरा धाम पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक स्थल होने के साथ-साथ धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। यहां कभी ऋषि मारकंडे तप किया करते थे और यह जगह उनका तपस्थली हुआ करता था। इसी जगह पर माता नारेश्वरी देवी का मंदिर भी स्थापित किया गया है। रोजाना यहां सैकड़ों लोग पिकनिक मनाने पहुंचते है।

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नरहरा धाम कैसे पहुंच सकते हैं?

नरहरा धाम धमतरी जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है। आप कुकरेल से बिरझुली जाने वाली पक्की सड़क से होते हुए कोटरवाही तक पहुंच सकते हैं, और फिर वहां से 5 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है।

नरहरा धाम की खासियत क्या है?

नरहरा धाम एक प्राकृतिक जलप्रपात है, जो 22 फीट ऊंची चट्टानों से गिरता है। यह स्थल धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऋषि मारकंडे की तपोभूमि रही है और यहां माता नारेश्वरी देवी का मंदिर भी स्थित है।

नरहरा धाम में क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं?

यहां पर्यटकों के लिए वाहन पार्किंग, स्वच्छता, सामुदायिक शौचालय, और टूरिस्ट गाइड जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन सभी सेवाओं का संचालन स्थानीय ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों के समूह द्वारा किया जा रहा है।

नरहरा धाम घूमने का सबसे अच्छा समय कब है?

नरहरा धाम घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम है, जब मौसम ठंडा और सुहावना रहता है। इस समय जलप्रपात का दृश्य और आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य सबसे सुंदर दिखाई देता है।

छत्तीसगढ़ में घूमने के लिए और कौन सी बेहतरीन जगहें हैं?

छत्तीसगढ़ में घूमने के लिए कुछ और बेहतरीन जगहें हैं जैसे कि कांगेर घाटी नेशनल पार्क, चंद्रखुरी, किलेचाप, सिरपुर, और तीरथगढ़ जलप्रपात। ये सभी स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं।