रायपुर: CG government taken big decisions छ्त्तीसगढ़ में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने की दिशा में सरकार ने आज कई बड़े कदम उठाए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय बढ़ाने से लेकर उनकी उन्हें कई वित्तीय और प्रशानसनिक अधिकार देने का ऐलान किया। जिला पंचायत और जनपद पंचायत अध्यक्षों को अधिकारी, कर्मचारियों की सीआर रिपोर्ट में अपना अभिमत देने का भी अधिकार दे दिया। उन्होंने ये घोषणा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय पंचायत राज्य सम्मेलन के दौरान की।
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CG government taken big decisions देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू करने वाली इंदिरा गांधी की जयंती के मौके पर रायपुर के इनडोर स्टेडियम की ये तस्वीर पंचायत राज सम्मेलन की है। जिसमें प्रदेशभर के पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत के सदस्य, उपाध्यक्ष और जिला अध्यक्षों के हजारों जनप्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने सरकार को सुझाया कि नवा छत्तीसगढ़ गढने में उनकी क्या भूमिका हो सकती है। सुधार और सुझावों के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करीब दर्जनभर घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अब राज्य बजट योजनाओं के क्रियान्यवन में नोटशीट जिला और जनपद पंचायत अध्यक्षों के सामने अनुमोदन के लिए पेश होगा। राशि भुगतान के पहले नस्ती पर अध्यक्षों का अनुमोदन भी जरूरी होगा। विधायक और पार्षद निधि की तर्ज पर जनपद और जिला पंचायत सदस्यों को भी फंड मिलेगा। जिला पंचायत अध्यक्षों को साल में 15 लाख, उपाध्यक्ष को 10 लाख, सदस्य को 4 लाख और, जनपद पंचायत अध्यक्ष को 5 लाख, उपाध्यक्ष को 3 लाख रुपए और जनपद पंचायत सदस्य को 2 लाख रुपए फंड दिए जाएंगे। जिसका सालाना बजट 45 करोड़ रुपए होगा। जन प्रतिनिधि को सबसे बड़ा अधिकार अधिकारी-कर्मचारी के CR लिखने में अभिमत देने के रूप में दिया गया। जिला पंचायत के अधिकारी कर्मचारी की CR रिपोर्ट में जिला पंचायत अध्यक्ष कलेक्टर को अभिमत देंगे। जनपद पंचायत अध्यक्ष अपने अधिकारी कर्मचारी के CR में जिला पंचायत CR को अभिमत देंगे। अब जिला पंचायत और जनपद पंचायत अध्यक्ष को भी सरकारी गाड़ी मिलेगी। जिसके लिए सालभर में 8 करोड़ 13 लाख का बजट होगा। साथ ही पंच से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक सभी का मानदेय और भत्ता भी बढ़ाया गया। छत्तीसगढ़ के करीब 80 फीसदी पंचायती राज संस्थाओं पर कांग्रेस का दबदबा है। जाहिर है कि इस भव्य आयोजन और घोषणाओं का असर 2023 के चुनाव में दिखेगा।