CG Coal Scam: Another FIR against Ranu Sahu, Sameer Bishnoi and Saumya Chaurasia

New Fir on Coal Scam: रानू साहू, समीर बिश्नोई और सौम्या चौरसिया की फिर बढ़ी मुश्किलें, दर्ज हो गया एक और मामला, जानें नए FIR में क्या है आरोप

रानू साहू, समीर बिश्नोई और सौम्या चौरसिया की फिर बढ़ी मुश्किलें, Another FIR against Ranu Sahu, Sameer Bishnoi and Saumya Chaurasia

Edited By :   Modified Date:  July 8, 2024 / 10:19 AM IST, Published Date : July 8, 2024/10:19 am IST

रायपुरः CG Coal Scam छत्तीसगढ़ कोल स्कैम मामले में निलंबित IAS रानू साहू, समीर बिश्नोई और सौम्या चौरसिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। ये तीने अधिकारी इस मामले में लगातार घिरते जा रहे हैं। इसी बीच अब EOW और ACB ने तीनों के खिलाफ एक और मामला दर्ज कर लिया है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत यह मामला दर्ज किया है। यह FIR तीनों निलंबित अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग दर्ज किया गया है।

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CG Coal Scam ईओडब्ल्यू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि सौम्या चौरसिया और उनके परिवार के नाम 9 करोड़ 20 लाख रुपए की 29 अचल संपत्ति होने की पुष्टि की है। इधर, रानू साहू पर साल 2015 से 2022 तक करीब चार करोड़ रुपए की अचल संपत्ति खुद के नाम से और पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदने का आरोप लगा है। जबकि उनके सेवा में आने के बाद से 2022 तक का कुल वेतन 92 लाख रुपए बताया जा रहा है। वहीं समीर बिश्नोई की बात की जाए तो उनके पास साल 2010 से 2022 तक का कुल वेतन 93 लाख रुपए है। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी प्रीति गोधरा के नाम से 5 करोड़ रुपए की कई अचल संपत्ति ले रखी है। जो उनके वेतन से 500 गुना ज्यादा है।

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सिंडिकेट बनाकर हुई 570 करोड़ की वसूली

छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। दावा है कि, कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था। इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। जो व्यापारी 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा करता था। उसे ही खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी करता था। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई।

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