CG Vidhan Sabha Budget Session 2025| Photo Credit: CG Vidhan Sabha and IBC24
रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है। बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने मंत्रियों से एक के बाद एक कई सवाल दागे। 16वें दिन प्रश्नकाल के दौरान पंडरिया से भाजपा विधायक भावना बोहरा ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना में गड़बड़ी का मामला उठाया। भावना ने कहा कि कोविड काल में केंद्र ने प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल दिया था, फिर भी लोगों को अनाज नहीं मिला था। विधायक ने जांच की मांग की। वहीं राजेश मूणत ने मंत्री से पूछा कि 2028 तक योजना एक्सटेंड की गई है, क्या अभी सभी पात्र लोगों को चावल मिल रहा है। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल जवाब दिया कि अभी अतिरिक्त आवंटन केंद्र से नहीं मिला है।
प्रश्नकाल के दौरान सीएम कन्या विवाह योजना में उपहार खरीदी का मामला भी उठाया गया। कांग्रेस विधायक संदीप साहू ने उपहार के स्तरहीन होने और भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया। संदीप ने कहा कि बालोद में 16 जोड़े की शादी में 33 लाख खर्च किए गए, जबकि प्रति जोड़ा 50 हजार खर्च का नियम है। 8 लाख खर्च होना था। बाकी जगहों पर भी ऐसे ही बड़े खर्च किए गए। वहीं कुंवर सिंह निषाद 53 लाख रुपए की गड़बड़ी का आरोप लगाया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया।
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छत्तीसगढ़ में पालना योजना के क्रियान्वयन का मामला गूंजा। योजना में अनियमितता का आरोप लगाते हुए विपक्षी विधायकों ने सरकार और मंत्री को घेरने की कोशिश की। विधायक विक्रम मंडावी ने 40 फीसदी राज्यांश नहीं देने का कारण पूछा। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि 2024-2025 में वित्त विभाग से अनुमति नहीं मिली थी। अब परमिशन मिल गई है, राशि जारी कर दी गई है। विधायक मंडावी ने कहा कि प्रदेश में 175 पालना केंद्र चल रहे है, इन केंद्रों को राशि किस मद से मिल रही है? वहीं उमेश पटेल ने कहा कि जब 15 फरवरी तक राशि व्यय नहीं की गई तो क्या यह केंद्र संचालित नहीं हो रहे थे। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि पालना केंद्र चल रहे हैं। अभी राशि भुगतान की प्रक्रिया जारी है। विपक्ष के सवालों से घिरी लक्ष्मी राजवाड़े को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अलग से जानकारी देने की बात कही।
सदन में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत पदों के चिन्हांकन के मुद्दा गूंजा। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इसका जवाब दिया। भाजपा विधायक प्रबोध मिंज ने महिला बाल विकास मंत्री से पूछा कि दिव्यांगजनों के पदों का चिन्हांकन संवर्गवार कब तक कर लिया जायेगा। जवाब में महिला बाल विकास मंत्री ने बताया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 1995 के तहत दिव्यांगजनों के पदों का चिन्हांकन 2014 में किया गया था। लेकिन दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत जो पदों का चिन्हांकन किया जाना था, वो प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि 21 प्रकार के दिव्यांगजन के लिए पदों का चिन्हांकन किया जायेगा। मंत्री ने बताया कि कुछ विभागों से जानकारी आनी बाकी है, जिसके बाद प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी। मंत्री ने कहा कि अभी 24 विभाग का जवाब आया है, जबकि 26 विभागों से जवाब आना है। विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि दिव्यांगजनों के बैकलॉग के पदों पर भर्ती के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने का परिपत्र पिछले साल 31 मई 2024 को जारी किया गया था। दिव्यांग जनों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने निर्देश देते हुए कहा, ये मुद्दा काफी व्यापक है, सभी विभागों से इस संदर्भ में जवाब आना चाहिये। मुख्य सचिव को इसकी चिंता करनी चाहिए। 6 माह के भीतर इसका रास्ता निकाला जाना चाहिए।