मुंबई, 30 अक्टूबर (भाषा) शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन करने के लिए महाराष्ट्र के दोनों उपमुख्यमंत्रियों अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
राउत की इस टिप्पणी से एक दिन पहले अजित पवार ने अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अपने सहयोगी एवं पूर्व गृह मंत्री दिवंगत आरआर पाटिल पर करोड़ों रुपये के कथित सिंचाई घोटाले में उनके खिलाफ खुली जांच का आदेश देने का आरोप लगाया था।
अजित पवार ने मंगलवार को सांगली जिले के तासगांव में आयोजित एक रैली में आरोप लगाया था कि पाटिल ने खुली जांच का आदेश देकर उनकी ‘‘पीठ में छुरा घोंपा’’ था। उन्होंने दावा किया था कि फडणवीस ने 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें वह फाइल दिखाई थी, जिसमें जांच के आदेश से संबंधित पाटिल की टिप्पणियों का जिक्र था।
राउत ने पाटिल को एक ईमानदार और कुशल गृह मंत्री बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी कुछ गलत नहीं किया था।
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, ‘‘फडणवीस ने अजित पवार को फाइल दिखाकर गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन किया। इन मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कैसे की जा सकती है? शपथ के उल्लंघन के लिए राज्यपाल को फडणवीस और अजित पवार के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश देना चाहिए।’’
राउत ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) महाराष्ट्र विधानसभा की उन 90 प्रतिशत सीट पर बागियों को मनाने में सफल रही है, जहां से इन नेताओं ने गठबंधन के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ नामांकन दाखिल किया था।
उन्होंने बताया कि शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवारों ने 96 सीट पर पर्चा दाखिल किया है।
जब राउत से मैदान में उतरे बागियों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन में यह होता रहता है। हम साथ बैठेंगे और बागियों को मनाने की कोशिश करेंगे। हम बदलाव लाना चाहते हैं और ऐसा करने के लिए सभी को एकजुट रहना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ऐसी 90 फीसदी सीट पर उन पार्टी कार्यकर्ताओं (जिन्होंने आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ बगावत की थी) को मना लिया है।’’
राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेतृत्व असंतुष्ट नेताओं को मनाने की कोशिश करेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख चार नवंबर है।
राउत ने माना कि जब तीन पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ती हैं, तो सीमित सीटों की वजह से पार्टियों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सांगोले और अलीबाग विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना (यूबीटी) और सहयोगी दल ‘पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी’ (पीडब्ल्यूपी) ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। उनके बारे में राउत ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2019 के चुनाव में ये दोनों सीट जीती थीं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अभी भी इन सीट पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि पीडब्ल्यूपी एमवीए का हिस्सा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कुछ सीट पर सांगली जैसी स्थिति दिखेगी, राउत ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा कि अगर उसके सहयोगी दल ने लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन धर्म का पालन किया होता, तो शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार चंद्रहार पाटिल को हार का सामना नहीं करना पड़ता।
सांगली में कांग्रेस के विशाल पाटिल ने पार्टी आलाकमान के आदेशों की अवहेलना करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
महाराष्ट्र में मंगलवार को पर्चा भरने की प्रक्रिया समाप्त होने तक राज्य की 288 विधानसभा सीट के लिए लगभग 8,000 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया।
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा जबकि मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।
भाषा पारुल देवेंद्र
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