रायपुर : Chhattisgarh ki baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले नया सियासी संग्राम छिड़ता दिख रहा है। देश की राजधानी दिल्ली से शुरु हुई इस जंग की गूंज छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों तक सुनाई दे रही है। कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच जबरदस्त जुबानी जंग चल रही है। इस मामला को आदिवासियों के सम्मान से भी जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
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Chhattisgarh ki baat : नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राहुल गांधी के ट्वीट से शुरू हुआ सियासी बवंडर छत्तीसगढ़ तक पहुंच गया है। कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए। कांग्रेस ने 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर की जयंती होने पर उद्घाटन की तारीख पर भी सवाल उठाए हैं और इस मुद्दे को आदिवासी अस्मिता से जोड़ दिया है। आदिवासी कांग्रेस नेता नंदकुमार साय ने इसके लिए बाकायदा PM मोदी को पत्र लिखा, जिस पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पूर्व सीएम रमन सिंह के बीच ट्वीट युद्ध छिड़ा हुआ है।
इस आपत्ति पर भाजपा ने कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। भाजपा नेताओं ने पूछा कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव के समय आदिवासी महिला के सम्मान की चिंता क्यों नहीं की। जो कभी नए संसद भवन के विरोध में थे, अब वहीं उद्घाटन का भी विरोध कर रहे हैं।
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Chhattisgarh ki baat : बहरहाल, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा संसद भवन बनकर तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे। 4 मंजिला त्रिकोणीय भवन 28 माह में तैयार हुआ है। करीब 65,000 वर्ग मीटर में निर्माण पर करीब 970 करोड़ रुपए खर्च हुए है। लोकसभा हॉल में 888 सांसदों और राज्यसभा हॉल में 384 सदस्यों के बैठने की क्षमता है। नए भवन में विशेष सुरक्षा इंतजाम के साथ भारतीय परंपराओं का भी ख्याल रखा गया है। लेकिन संसद के भीतर जनता के मुद्दों पर बहस शुरू हो, उसके पहले ही सियासी गलियारों में संग्राम छिड़ गया है।