रायपुर: Breast Feeding Week Organized राजधानी स्थित श्री नारायणा हॉस्पिटल में मंगलवार को ब्रेस्ट फीडिंग वीक मनाया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हॉस्पिटल की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. मेघा खेमका थीं। इस अवसर पर अस्पताल की गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. संजना खेमका अग्रवाल ने श्री नारायणा नर्सिंग इंस्टीट्यूट के नर्सिंग स्टूडेंट्स द्वारा आयोजित पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
Breast Feeding Week Organized डॉ. संजना ने बताया की मां के दूध को ‘लिक्विड गोल्ड’ कहते हैं, जो कहीं से भी खरीदा नहीं जा सकता। एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग टाइम 6 माह का होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में दो-तीन साल तक के बच्चों को भी फिडिंग कराई जाती है। मां के दूध से बच्चे को एंटीबॉडीज मिलती है। पहले दूध कोलेस्ट्म को सबसे ज्यादा स्ट्रांग माना जाता है। इसी से बच्चे की इम्युनिटी बहुत अच्छे से डेवलप होती है।
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माँ अगर बच्चे को दूध पिलाती है तो पोस्टपार्टम हैमरेज यानी ब्लीडिंग होने के चांसेस न्यूनतम हो जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर ओवेरियन कैंसर या गर्भाशय के कैंसर आदि के भी चांसेस न्यूनतम हो जाते हैं प्रोजेस्टेरोन हार्मोन केवल औरतों में होता है। आदमियों में नहीं जिसकी वजह से उन्हें हार्ट अटैक जैसी घातक बीमारियां नहीं होतीं।
हास्पिटल की पीडियाट्रिशियन डॉ, अंकिता पटेल ने बताया कि मां को हमेशा बैलेंस डाइट लेनी चाहिए, जिसमें प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट्स फैट्स आदि सभी कुछ प्रचुर मात्रा में शामिल हों। मां कितनी भी बीमार हो लेकिन उसे ब्रेस्ट फीडिंग जरूर कराना चाहिए। दूध पिलाने से बच्चों के साथ बॉन्डिंग बढ़ती है और यह बिलकुल ही गलत धारणा है कि दूध उतरता नहीं। बच्चों को सक करने दें, इससे दूध अपने आप उतरना प्रारंभ हो जाता है, मां को ज्यादा चाय कॉफी शराब या सिगरेट आदि पीने से दूध कम होने के चांसेस रहते हैं।
डॉ विनिया मैयस्कर ने इस विषय पर Closing the Gap, Brest Feeding for All को इस साल की थीम होना बताया और 70% नवजात शिशुओं को पहले ही घंटे में मां का दूध मिल जाने का सन् 2025 का लक्ष्य बताया। भविष्य में हमें माँ और उसके परिवार को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है ताकि यह टारगेट अचीव हो सके। इस प्रोग्राम में नर्सिंग सुपरीटेंडेंट किरण रानी, मंजूषा जॉन, शिरीन सालोमन अनीता नामदेव के साथ नारायणा नर्सिंग इंस्टीट्यूट की ज्योति तिवारी और पूजा तंबोली उपस्थित थीं, आईटी डिपार्टमेंट से निशान्त देवांगन और एडमिनिस्ट्रेशन से डॉ.आलोक श्रीवास्तव मौजूद रहे।