रायपुर : CG Politics : छत्तीसगढ़ में जिस दिन बीजेपी को सत्ता में लौटने का जनआदेश मिला था, उसे 1 साल हो गए। आज उसे बीजेपी ने जनादेश दिवस के तौर पर मनाया और अपनी उपलब्धियों को रेखांकित भी किया। कांग्रेस ने बीजेपी के इस जश्न को कटघरे में खड़े करने की कोशिश की है। साथ ही दावों और वादों का हिसाब भी मांग रही है । जाहिर है.. सियासी दंगल में आज जिस मुद्दे की भिड़ंत हुई है।
CG Politics : छत्तीसगढ़ में भाजपा तीन बार लगातार चुनाव जीतकर सत्ता संभाली। लेकिन 2023 में मिला जनादेश भाजपा के अब तक के रिकॉर्ड में सबसे बड़ा जनादेश माना गया। प्रदेश की जनता ने 54 सीटों पर भाजपा को बंपर जीत दिलाई और प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ। यही वजह है कि जनादेश मिलने के एक साल बाद 3 दिसंबर को भाजपा इस दिन को जनादेश दिवस के रूप में मना रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को अभूतपूर्व जनादेश के लिए धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अभूतपूर्व जनादेश के पीछे माेदी की गारंटी को अहम वजह करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी पर प्रदेश की जनता ने भरोसा किया। इसीलिए प्रदेश की 90 में से 54 सीटें देकर भाजपा की सरकार बनाई। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा पिछेल साल अन्यायी और अत्याचारी सरकार के खिलाफ जनता ने जनादेश दिया था। साढ़े 11 महीने में मोदी गारंटी के सभी बड़े वादे एक एक करके पूरे हो रहे है।
CG Politics : वही कांग्रेस इस जनादेश को सालभर बाद भी स्वीकार नहीं कर पाई। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने कहा कि यह जनादेश जनता का जनादेश नहीं है। भाजपा ने ईवीएम के जरिए जनादेश को चुराने का काम किया है। वे जनादेश दिवस को लेकर सवाल पूछते भी नजर आए। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा 1 साल में सरकार को मैं 25 नंबर भी नहीं दे सकता।पासिंग मार्क्स 33 से भी कम राज्य सरकार का नंबर है। 1 साल सकारात्मक की जगह नकारात्मक काम हुआ।छत्तीसगढ़ में हर वर्ग एक साल से परेशान है।
छत्तीसगढ़ की जनता ने सालभर पहले जनादेश देकर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाई थी। लेकिन सालभर बाद भी इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने नजर आ रहे हैं। ऐसे में यही उम्मीद की जा सकती है कि सियासी बयानबाजी से ऊपर उठकर प्रदेश के सियासी चेहरे प्रदेश को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करें। तभी छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया की गूंज भी देश दुनिया में सुनाई दे सकेगी।