सौरभ सिंह परिहार/नरेश मिश्रा, रायपुरः भाजपा के दिग्गज नेता चुनावी जंग के लिए मिशन बस्तर पर निकल चुके हैं। भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर एक महीने के अंदर दूसरी बार बस्तर में मैराथन बैठकें कर रहे हैं। 28 मई से शुरू हुआ उनका दौरा 31 मई को कानपुर प्रवास के साथ खत्म होगा। बस्तर का किला कांग्रेस के लिए खास मायने रखता है, लिहाजा कांग्रेस नेता भाजपा को चौतरफा घेर रहे हैं। लेकिन बस्तर पर घमासान से किसका अभियान सफल होगा, ये सवाल बड़ा है?
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छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल सत्ता में रहने वाली भाजपा 2023 में वापसी के लिए एड़ी चोटी जोर लगा रही है। खासकर बस्तर में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर बस्तर के सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर से धुआंधार दौरा कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र सिखा रहे हैं। बस्तर पर कांग्रेस का भी फोकस है लिहाजा ओम माथुर के दौरे पर कांग्रेस नेता जमकर हमला कर रहे हैं।
इधर, दूसरी ओर मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर भाजपा 30 जून तक महाअभियान चला रही है। इसी सिलसिले में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा रायपुर पहुंचे। लेकिन कांग्रेस ने यहां भी भाजपा को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बहरहाल, छत्तीसगढ़ की सत्ता पाने के लिए बस्तर को साधना जरूरी है। बस्तर की सभी 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा और भाजपा इस किले में सेंध लगाना चाहती है। कांग्रेस के लिए भी बस्तर का गढ़ सबसे खास है और भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती आदिवासी वोटरों का मन जीत कर बस्तर का तिलिस्म तोड़ने की है।