रायपुर। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा राज्य की कांग्रेस सरकार को अनेक मुद्दों पर घेरने के लिए आए दिन रणनीति बना रही हैं। इसी रणनीति के तहत आज भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारी वर्मी कम्पोस्ट की अनिवार्य खरीदी को हटाने और दो साल का बोनस देने समेत 5 मांगों को लेकर प्रदेश के कई जिलों में राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
देश में छत्तीसगढ़ की पहचान धान के कटोरे के रुप में है इसलिए यहां धान को लेकर राजनीति होती रहती है पर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद किसानों को केंद्र में रखकर कई योजनाएं बनाई। नरवा गरवा घुरुवा बारी, किसान न्याय योजना ,गोधन न्याय योजना जिसमें गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बना कर गांव को आर्थिक रूप से समृद्ध किया जाएगा।
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तो दूसरी तरफ जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है लेकिन राज्य सरकार के आदेशानुसार सहकारी समितियों से किसानों को प्रति एकड़ 1 क्विंटल वर्मी खाद अनिवार्य रुप से देना है। जिसका विरोध भाजपा के साथ साथ कई किसान संगठन भी कर रहे है। इनके पदाधिकारियों का कहना है कि गांव में कई किसानों के पास गोबर से बनी जैविक खाद होती है, ऐसे में छोटे किसानों को अनिवार्य रुप से जबरन वर्मी कम्पोस्ट देना ठीक नहीं है।
वही अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आज कई जिलों में ज्ञापन सौंपे भाजपा किसान मोर्च के पदाधिकारियों का कहना है कि मांग पूरी नहीं होने पर 23 मई को सभी जिलों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। पूर्व सीएम रमन सिंह का कहना है कि कांग्रेस सरकार किसानों से वादाखिलाफी कर रही है।
वर्मी कम्पोस्ट की अनिवार्य खरीदी से किसान परेशान है. भाजपा नेताओं के आरोपों पर कांग्रेस का कहना है कि 15 साल तक किसानों के लिए कुछ नहीं करने वाले भाजपाईयों को 2023 चुनाव के लिए किसानों की याद आ रही है। ये तो तय हे कि आगामी 2023 चुनाव में किसान एक बड़ा मुद्दा रहेगा। इस स्थिति में कांग्रेस भाजपा से दो कदम आगे बढ़ चुकी है लेकिन भाजपा भी इन्ही कदमों में खामियां ढूंढकर किसानों के बीच पहुंच रही है। देखना होगा किसके कदम मंजिल तक पहुंचेंगे।