BJP On Emergency : आपातकाल की बरसी पर काला दिवस मना रही भाजपा, सीएम साय ने ट्वीट कर कही ये बात

BJP On Emergency : आपातकाल की बरसी पर सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया है।

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  • Publish Date - June 25, 2024 / 11:27 AM IST,
    Updated On - June 25, 2024 / 11:27 AM IST

रायपुर : BJP On Emergency : बीजेपी आपातकाल की बरसी पर मंगलवार को देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच इसे लेकर सियासी संग्राम छिड़ा है। कांग्रेस बीजेपी को जहां फासीवादी करार दे रही है वहीं बीजेपी कांग्रेस को आपातकाल की याद दिला रही है। देशव्यापी प्रदर्शन के साथ साथ छत्तीसगढ़ भाजपा भी आपातकाल की बरसी को काला दिवस के रूप में मना रही है।

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सीएम साय ने किया पोस्ट

BJP On Emergency :  आपातकाल की बरसी पर सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो के साथ कैप्शन में सीएम साय ने लिखा है कि, तानाशाही रवैए की उपज भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे काले अध्याय आपातकाल 25 जून 1975 के विरोध में उठी प्रत्येक आवाज और देश को जागृत करने वाली विभूतियों को सादर नमन।

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इंदिरा गांधी ने लगाया था 21 महीने का आपातकाल

BJP On Emergency :  बता दें कि, 2 जून, 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक फैसला लिया, जिसमें इंदिरा गांधी के रायबरेली से सांसद के रूप में चुनाव को अवैध घोषित कर दिया गया। 1971 के आम चुनावों में रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से उनके प्रतिद्वंद्वी राज नारायण ने उन पर चुनावों में हेरफेर करने के लिए सरकारी मशीनरी का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया। दोषी पाए जाने पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया और अगले छह साल के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने नागरिक स्वतंत्रता पर नकेल कसने के प्रयास में 21 महीने का आपातकाल लगाया था। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा होने पर आपातकाल घोषित करने की शक्ति देता है, चाहे वह युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से हो।

इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को देर रात ऑल इंडिया रेडियो पर एक प्रसारण में आपातकाल लगाने की घोषणा की, जिसके तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर सशर्त रोक लगा दी, जिससे लोकसभा के लिए उनका चुनाव रद्द घोषित कर दिया गया। अदालत ने इंदिरा गांधी को संसदीय कार्यवाही से दूर रहने को कहा। इस दौरान इंदिरा गांधी ने कहा कि ”राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा की है, घबराने की कोई बात नहीं है।” जिसके बाद विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो गया था।

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