रायपुरः BJP-Congress controversy प्रदेश में इन दिनों विरोध वाली पॉलिटिक्स उफान पर है। इसकी शुरुआत राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन से हुई। जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के रायपुर दौरे के बाद भी जारी है। कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई सड़क से होते हुए थाने तक पहुंच गई है। जिस तरह से पूरे मामले में राजनीतिक गतिरोध बढ़ता जा रहा है, उससे कई सवाल भी उठ रहे हैं। सबसे अहम सवाल ये कि छत्तीसगढ़ में मेरा-तेरा विरोध वाली पॉलिटिक्स के मायने क्या है। पूरे विवाद में किसे सियासी लाभ मिला। बयानबाजी के बाद विवाद थम गया या इसका क्लाइमेक्स अभी बाकी है।
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BJP-Congress controversy राहुल गांधी के रायपुर दौरे से शुरू हुआ ये विवाद अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के दौरे के बाद पूरी तरह से आकार ले चुका है। दरअसल 3 फरवरी को राहुल गांधी जब रायपुर आए तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाने की कोशिश की। मामले में गिरफ्तारी भी हुई थी। कांग्रेस ने इसे नई परंपरा करार दिया। हालांकि कांग्रेस की तरफ से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के रायपुर दौरे पर काला झंडा दिखाए जाने की धमकी दी गई। फिर सिंधिया के दौरे के बाद विवाद गालीगलौच और मारपीट तक पहुंच गया। मामले में बीजेपी के एक पूर्व मंत्री समेत BJYM के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। बीजेपी के कई बड़े नेता थाने पहुंचे और राज्य सरकार पर हमले किए। जिसपर पीएचई मंत्री रुद्र कुमार सहित कांग्रेस के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाबी पलटवार किया। मामले में कांग्रेस SC-ST प्रकोष्ठ और आदिवासी कांग्रेस ने BJP के पूर्व मंत्री समेत मारपीट करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ SCST एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है।
दूसरी ओर बीजेपी भी पूरी तरह से एक्शन के मूड में है। पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी को लेकर पार्टी के दिग्गज नेता विधानसभा थाने में धरना देने पहुंचे और फिर राज्य सरकार पर आरोप लगाए, उससे ये तो तय है कि बीजेपी इस मामले में जल्द बैकफुट पर नहीं आएगी। बहरहाल बीते तीन साल में पहली बार ऐसे सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने हैं। दोनों एक दूसरे को घेरने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी के पूर्व मंत्री का सार्वजनिक रूप से गाली गलौज करने का कथित वीडियो सामने आने के बाद कहीं ना कहीं पार्टी की बड़ी किरकिरी हुई है। दूसरी ओर सत्ता पक्ष के मंत्री ने जिस तरह से बीजेपी नेताओं पर SCST एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। ऐसा लगता नहीं है कि तेरा-मेरा विरोध पर शुरू हुई राजनीति जल्द थमेगी।