घोषणा पत्र के लिए बीजेपी मांगे सुझाव, क्या 2023 में चुनाव जिता पाएगा ये दांव ? देखें |

घोषणा पत्र के लिए बीजेपी मांगे सुझाव, क्या 2023 में चुनाव जिता पाएगा ये दांव ? देखें

बीजेपी जनता के बीच जाकर रायशुमारी कर, अपना घोषणापत्र तैयार करेगी...इसकी शुरूआत रायपुर में घोषणापत्र समिति ने समारोह पूर्वक कर भी दी है, बड़ा सवाल ये कि क्या ये कवायद कांग्रेस के लिए चुनौती बनेगी, जिस कवायद को बीजेपी 2018 में बेअसर बताती थी क्या अब 2023 में चुनाव जिता पाएगी?

Edited By :   Modified Date:  August 3, 2023 / 11:37 PM IST, Published Date : August 3, 2023/11:36 pm IST

रायपुर। चुनाव जीतने के लिए जनता के दरबार में हाजरी से पहले दलों को अपने विजन और वायदों का पूरा खाका तैयार करना होता है, सत्ता पक्ष वादों का हिसाब देता है तो विपक्ष नए वायदों से जनता को अपने पाले में लाने का प्रयास करता है…2018 चुनाव में कांग्रेस ने जमीन पर मेहनत के साथ-साथ अपने ‘जनघोषणा पत्र’ यानि मेनिफेस्टो पर जमकर पसीना बहाया था…नतीजा बंपर सीटों के साथ पार्टी ने सत्ता का सूखा खत्म किया,सरकार बनाई…अब कांग्रेस के उसी फॉर्मूले की तर्ज पर, बीजेपी जनता के बीच जाकर रायशुमारी कर, अपना घोषणापत्र तैयार करेगी…इसकी शुरूआत रायपुर में घोषणापत्र समिति ने समारोह पूर्वक कर भी दी है, बड़ा सवाल ये कि क्या ये कवायद कांग्रेस के लिए चुनौती बनेगी, जिस कवायद को बीजेपी 2018 में बेअसर बताती थी क्या अब 2023 में चुनाव जिता पाएगी?

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छत्तीसगढ़ ने 23 सालों में चार विधानसभा चुनाव देखा है और करीब दर्जनभर उपचुनाव… लेकिन भाजपा पहली बार किसी चुनाव से पहले ऐसे पेटी लेकर जनता के बीच सुझाव के लिए जाती नजर आ रही है। वजह साफ है। 15 सालों तक सत्ता के शीर्ष पर रहने के बाद भाजपा जिस तरह दरकिनार हुई है, वो अब कुर्सी तक पहुंचने कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि घोषणापत्र में वादे करने से पहले वो लोगों का मन टटोलना चाहती है। सुझाव पेटी लेकर पार्टी के कार्यकर्ता पांचों संभाग के सभी 90 विधानसभा सीटों तक जाएंगे। 15 विभागों की टीम तैयार की गई है। अलग-अलग उप समितियां भी बनाई गई हैं। जिनमें जनता से जुड़े हर मुद्दे होंगे। समारोह के साथ इसकी शुरुआत रायपुर से हुई।

इस अभियान पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा को जनता के बीच जाकर माफीनामा बनवाना चाहिए। तीन बार उन्होंने घोषणा पत्र बनाया और हर बार छत्तीसगढ़ की जनता से छल किया। जबकि कांग्रेस ने अपनी जनघोषणा पत्र के 36 में से 34 वादे पूरे कर दिए हैं।

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2018 में कांग्रेस की बंपर जीत के पीछे सबसे अहम भूमिका जन घोषणा पत्र की थी। यही वजह है कि भाजपा ने चुनाव के तीन महीने पहले ही इसकी कवायद शुरू कर दी है। लोगों की भावनाओं, जरूरतों को समझते हुए घोषणा पत्र तैयार करने में भाजपा फूंक-फूंककर कदम रख रही है। वो चाहती है कि चुनावी जंग के किसी मोर्चे पर वो कांग्रेस से पीछे न रह जाए।

-सौरभ सिंह परिहार के साथ राजेश मिश्रा, IBC24 रायपुर