बिलासपुर: ऑनलाइन तरीके से ठगी के मामलों में कमी होती नजर नहीं आ रही है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसिया लगातार फ्रॉड को रोकने जनजागरूकता अभियान चला रही है। सोशल मीडिया पर ठगों के झांसे में नहीं आने और पूरी पुष्टि के बाद पैसे निवेश करने की अपील भी कर रही है लेकिन ठग हर बार अपंने मंसूबे में कामयाब होकर लोगों को अपने जाल में फंस रहे है। ताजा मामला न्यायधानी बिलासपुर का है, जहाँ इस बार ठगों ने एक रेलकर्मी के बेटे को अपना शिकार बनाया है। ठगों के जाल में फंसकर पीड़ित ने करीब 14.56 लाख रूपये गंवा दिए। पूरे ममले की शिकायत पुलिस से की गई है।
जानकारी के मुताबिक़ ठगो ने रेलकर्मी के बेटे को ऑनलाइन प्लेटफार्म से मोटी रकम कमाई करने का झांसा दिया था। इसके बाद पीड़ित ने ठगों पर यकीन करते हुए करीब 14.56 लाख रूपये गंवा दिए।
ऑनलाइन के दौर में आज सभी तरह के कार्यो के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा हैं। मौजूदा वक़्त में बैंकिंग कामकाज में डिजिटल लेनदेन की परिपाटी भी बढ़ी हैं। किसी भी तरह की खरीदी, बिक्री भुगतान आदि के लिए मोबाइल इंटरनेट का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे भुगतान के लिए प्रायः कई एप्प भी हैं जिनमे पेटीएम, फोन पे आदि प्रमुख हैं। यह सभी एप्प एक ख़ास गोपनीय पिन नंबर से संचालित होते हैं। अमूमन लापरवाही अथवा चूक की वजह से यह गोपनीय नंबर हम साझा कर बैठते हैं जिससे ठग इनका इस्तेमाल कर आसानी से खातों से पैसे की हेराफेरी को अंजाम देते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑनलाइन फ्रॉड या साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक नेशनल हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। यह नंबर है -155260। अगर आप ऐसे किसी हादसे या अपराध के शिकार होते हैं तो इस नंबर तुरंत कॉल करें। आप धोखाधड़ी की शिकायत इस नंबर पर दर्ज करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय, बैंक संस्थान के आपात नंबर, मेल एड्रेस, साइबर सेल में भी शिकायत की जा सकती हैं।