बिलासपुर। City Bus Service: बिलासपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सरकारी सुविधा का बुरा हाल है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए लाई गई सिटी बसें डिपो में खड़े- खड़े कबाड़ हो गई है। स्थिति ये है कि, अब बसों को नीलाम करने की नौबत आ गई है। बसों का परिवहन अवधि खत्म हो गया है। प्रशासनिक उदासीनता पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा पर भारी पड़ी है। बता दें कि, पूर्ववर्ती रमन सरकार में शहरी क्षेत्रों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए सिटी बस सेवा की शुरुवात की गई थी। योजना के तहत बिलासपुर को भी 50 सिटी बसें एसी और नॉन एसी की मिली थी। जो शहर को ग्रामीण क्षेत्रों से कनेक्ट करती थी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराती थी, लेकिन राज्य में कांग्रेस सरकार के आने और कोविड के बाद सिटी बसों का संचालन ठप्प हो गया। बाद में ठेका कंपनी की मनमानी और प्रशासन की उदासीनता ने योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
इसका परिणाम ये हुआ कि, लंबे समय से डिपो में खड़े- खड़े अधिकांश बसें कबाड़ में तब्दील हो गईं। अब आज स्थिति ये है कि, गिनी चुनी बसें ही चल रही हैं, बाकी अधिकांश बसें खस्ताहाल हो गई है। बसों का परिवहन अवधि भी खत्म हो गया है। बसों को नीलाम करने की नौबत आ गई है। इधर, सिटी बसों के इस हाल को लेकर जिम्मेदार भी मान रहे हैं, कि सिटी बसों की स्थिति ठीक नहीं है। अधिकांश बसें कबाड़ हो गई हैं। मेंटनेंस कर कुछ बसों का ही संचालन हो रहा है।
City Bus Service: हालांकि, आने वाले दिनों में वे पुराने सभी सिटी बसों को बदल कर नए इलेक्ट्रिक बस चलाने की भी बात कह रहे हैं। वहीं अधिकारियों की माने तो, इसके लिए शासन स्तर पर तैयारी चल रही है, इलेक्ट्रिक बसों के साथ जल्द पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा को बेहतर किया जाएगा। बहरहाल, बिलासपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सरकारी सुविधा पर प्रशासन की उदासीनता भारी पड़ी है। जिसके कारण आज करोड़ों की सिटी बसें कबाड़ में तब्दील हो गई हैं। अब देखना होगा, आने वाले दिनों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की ये सुविधा कैसे और कब तक दुरुस्त हो पाती हैं।
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