Diarrhea outbreak in rural areas of Bilaspur
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में डायरिया का प्रकोप दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। तकरीबन ढाई सौ से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं। दो दिनों के अंदर अचानक डायरिया के केस बढ़े हैं। इस बीच दो लोगों की मौत भी डायरिया के कारण हुई है।
बरसात के शुरुआत होते ही बहुत सी बीमारी भी आने लगते है। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर जिले में लगातार डायरिया अपना पैर पसार रहा है। डायरिया का प्रकोप अब ग्रामीण क्षेत्र में भी देखने को मिल लरहा है। मस्तूरी क्षेत्र में डायरिया के 6 मरीज मिले हैं। ये सभी मरीज मानिकचौरी और खपरी गांव के बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र में सभी मरीजों को भर्ती किया गया है। दूषित पानी के कारण डायरिया फैलने की आशंका जताई जा रही है।
Diarrhea outbreak in rural areas of Bilaspur बता दें कि दो साल पहले डायरिया से तारबहार इलाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय भी निगम की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ था। इन घटनाओं से भी निगम ने सबक नहीं लिया है। कई ऐसे कारक या फैक्टर्स हैं, जिससे डायरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, कुछ एहतियाती उपायों को अपनाकर आप इस संक्रमण से खुद को बचाए रख सकते हैं।
गुड हाइजीन
टॉयलेट से आने के बाद अपने हाथों को 20 सेकेंड तक साबुन और पानी से धोएं। इसके अलावा, खाना बनाने और खाने से पहले और बाद में भी अपने हाथों को साफ करना कभी ना भूलें।
टीका लगवाएं
डायरिया होने का मुख्य कारण है रोटावायरस। रोटावायरस वैक्सीन के जरिए डायरिया से बचा जा सकता है। यह वैक्सीन विभिन्न खुराकों में बच्चों (1 वर्ष) को दिया जाता है।
भोजन को सही तरीके से स्टोर करें
बचे हुए भोजन और अन्य खाने-पीने की चीजों को फ्रिज में रखें। खाने और पकाने से पहले कच्चे फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से पानी से धोएं। ऐसी कोई भी चीज न खाएं, जो खराब हो गई हो। डायरिया संक्रमण से बचने के लिए इन सभी फूड सेफ्टी उपायों को हमेशा फॉलो करें।
अपने खानपान के प्रति सावधान रहें
स्ट्रीट फूड्स और नल का पानी कीटाणुओं का मुख्य केंद्र होता है, जो डायरिया का कारण बन सकता है। बाहर खाने जा रहे हैं, तो किसी विश्वसनीय फूड ज्वॉइंट्स में ही जाएं। यात्रा के दौरान बॉटल का पानी ही पिएं। घर पर वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
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