Bilaspur Panchayat Elections: ये लोग नहीं लड़ पाएंगे पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव! रद्द हो सकता है नामांकन, जानिए क्या है वजह

ये लोग नहीं लड़ पाएंगे पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव! रद्द हो सकता है नामांकन, Bilaspur Panchayat Elections: People who do not repay their loans will not be able to contest CG panchayat elections

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  • Publish Date - December 18, 2024 / 01:28 PM IST,
    Updated On - December 18, 2024 / 02:46 PM IST

बिलासपुर। Bilaspur Panchayat Elections छत्तीसगढ़ में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। स्थानीय नेता अब इस चुनाव के लिए गुणा-गणित लगाकर अपने पक्ष में माहौल तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच अब एक बड़ी खबर आई है। अंत्यावसायी विकास समिति के बकायदार स्थानीय निकायों का चुनाव लड़ने से वंचित हो सकते हैं। उन्हें समिति से लिए गए ऋण को चुकता करना होगा। इसके बाद  एनओसी लेकर नामांकन फार्म भरने के दौरान जमा कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर नामांकन रद्द हो सकता है।

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Bilaspur Panchayat Elections दरअसल, बिलासपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में अंत्यावसायी विकास समिति के जरिए स्वरोजगार के लिए वित्तीय ऋण सहायता दी जाती है। बड़ी संख्या में लोग इस योजना का लाभ लेते हैं, लेकिन कई लोग इसकी किस्त समय पर नहीं जमा करते हैं। अब ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। बकाया राशि नहीं चुकाने वाले हितग्राही आगामी नगरीय निकाय या पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित हो सकते हैं। लोन न चुकाने वाले 1,850 हितग्राहियों की सूची जिला अंत्यावसायी विकास सहकारी समिति ने कलेक्टर को सौंपी थी। इसके बाद कलेक्टर ने फैसला लेते हुए इस सूची को निगम आयुक्त, नगरीय निकायों के सीएमओ और जनपद पंचायतों के सीईओ को भेजा है। कलेक्टर ने नामांकन के दौरान उनके फामों पर निगाह रखने कहा है। कहा जा रहा है कि यदि ऐसे लोग चुनाव लड़ने के लिए नामांकन जमा करते हैं तो उनका पर्चा रद्द किया जा सकता है। बता दें कि स्थानीय चुनाव को लेकर नियम है कि चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों पर सरकारी टैक्स अथवा लोन का बकाया नहीं होना चाहिए।

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जानकारी के मुताबिक बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के 1108 हितग्राही हैं। इसके अलावा मल्हार नगर पंचायत से दो, तखतपुर नपा से 5, बिल्हा से 3, कोटा से 28 तथा रतनपुर से 15 लोगों का नाम बकायादारों की सूची में शामिल है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत बिल्हा के अंतर्गत विभिन्न ग्रामों से 115, तखतपुर जन पंचायत से 64, जनपद पंचायत कोटा से 52 तथा जनपद पंचायत मस्तुरी से 458 बकायादारों के नाम शामिल हैं। बता दें कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत के चुनाव एक साथ करने की तैयारी है। हालांकि, चुनाव अलग-अलग चरणों में होंगे। अब पहले नगर निगम के चुनाव के आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसके बाद पंचायतों की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले दोनों के आरक्षण की प्रक्रिया की जानी थी, लेकिन सरकार ने पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया को रोक दिया था।

 

1. किस कारण से बकायादारों को पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है?

बकायादारों को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है क्योंकि यदि किसी व्यक्ति पर अंत्यावसायी विकास समिति का ऋण बकाया है, तो उसे पहले यह ऋण चुकता करना होगा। इसके बाद उन्हें समिति से एनओसी (No Objection Certificate) प्राप्त कर नामांकन फार्म के साथ जमा करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया, तो उनका नामांकन रद्द हो सकता है।

किस कारण से बकायादारों को पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है?

बकायादारों को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है क्योंकि यदि किसी व्यक्ति पर अंत्यावसायी विकास समिति का ऋण बकाया है, तो उसे पहले यह ऋण चुकता करना होगा। इसके बाद उन्हें समिति से एनओसी (No Objection Certificate) प्राप्त कर नामांकन फार्म के साथ जमा करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया, तो उनका नामांकन रद्द हो सकता है।

क्या बकायादारों की सूची में कौन से क्षेत्रों के लोग शामिल हैं?

बकायादारों की सूची में बिलासपुर नगर निगम के 1108 हितग्राही शामिल हैं, इसके अलावा अन्य क्षेत्रों जैसे मल्हार (2), तखतपुर (5), बिल्हा (3), कोटा (28), रतनपुर (15) और ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद पंचायत बिल्हा (115), तखतपुर (64), कोटा (52), मस्तुरी (458) के हितग्राही शामिल हैं।

क्या चुनाव लड़ने के लिए बकाया टैक्स या ऋण न चुकाने की शर्त है?

जी हां, चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार पर कोई सरकारी टैक्स या ऋण का बकाया नहीं होना चाहिए। बकायादार होने पर उनका नामांकन रद्द किया जा सकता है यदि उन्होंने ऋण का भुगतान नहीं किया है और एनओसी नहीं जमा की है।

क्या चुनाव एक साथ होंगे?

हां, छत्तीसगढ़ में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव एक साथ किए जाने की तैयारी है, लेकिन ये चुनाव अलग-अलग चरणों में होंगे। पहले नगर निगम के चुनावों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, इसके बाद पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।