Three children of the same family are in the grip of Japanese fever बीजापुर। स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ की टीम ब्लाक के पिनकोंडा कनेरपारा में एक युवती को बुखार आने की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया सुपरवाइजर नें जांच की। जांच में मिक्स मलेरिया के लक्षण पाये गए। बुखार ठीक न होने के कारण नेलसनार से दंतेवाड़ा उसके बाद जगदलपुर भेजा गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया की खून की सेंपल लेकर मेडिकल कालेज भेजा गया, जहां मरीज को जापानी बुखार होने की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाइजर द्वारा परिजनों की स्थिति को भांपते हुए तीन बच्चों का भी खून की सेंपल लेकर मेडिकल कालेज भेजा, जहां इन तीन बच्चों को जापानी बुखार होने की पुष्टि हुई। मेडिकल कालेज जगदलपुर में सभी का इलाज कराया गया।
क्या होता है जापानी बुखार
इन्सेफ्लाइटिस एक जानलेवा बीमारी है। यह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसमें आपके दिमाग में सूजन आने लगती है। इसके लिए आपातकालीन इलाज की जरूरत होती है। इस बीमारी का शिकार कोई भी हो सकता है लेकिन सबसे ज्यादा ख़तरा बच्चों और बूढ़ों को होता है।
जापानी बुखार के लक्षण
जापानी इन्सेफ्लाइटिस में बुखार होने पर बच्चे की सोचने, समझने, और सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। तेज बुखार के साथ बार- बार उल्टी होती है। यह बिमारी अगस्त , सितंबर और अक्टूबर माह में ज्यादा फैलता है और 1 से 14 साल की उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है।
जापानी बुखार से बचाव के उपाय
नवजात बच्चे का समय से टीकाकरण कराएं।
साफ सफाई का ख़ास ख्याल रखे।
गंदे पानी को जमा ना होने दे साथ ही साफ और उबाल कर पानी पियें।
बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खाना दें।
हल्का बुखार होने पर डॉक्टर को दिखाए।