रायगढ़ः जिले में कोल ब्लॉक के आवंटन के बदले में होने वाले पौधारोपण में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। प्लांटेशन के लिए उस जगह का चयन किया गया जहां पहले से बड़े पैमाने पर जंगल हैं। हैरानी की बात ये भी है कि जिस गांव का चयन किया गया है उसका रिकॉर्ड राजस्व विभाग में है ही नहीं।
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रायगढ़ जिले में कोल ब्लॉक के बदले में होने वाले प्लांटेशन में बड़ा फर्जीवाड़े की आशंका है। दरअसल तमनार में कोल ब्लॉक का आवंटन महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी को किया गया है। पर्यावरणीय नियमों के मुताबिक कोल ब्लॉक के बदले कंपनी को 214.869 हेक्टेयर वन भूमि में पौधारोपण करना है। जिसके लिए कंपनी ने तमनार ब्लॉक के नटवरपुर, चक्रधरपुर, धूमाबहाल और बंगुरसिया गांव को प्लांटेशन के लिए चुना, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इन 4 गांव में नटवरपुर गांव का रिकॉर्ड राजस्व विभाग के नक्शे में ही नहीं है। इसके अलावा भी कई और सवाल हैं जो पूरी प्रक्रिया में हुए फर्जीवाड़े को उजागर करते हैं।
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पूरे मामले में सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि नटवरपुर गांव के लोग ही इस प्रक्रिया से वाकिफ नहीं है। कलेक्टर का कहना है कि नटवरपुर ही नहीं बल्कि रायगढ़ जिले के 11 ऐसे गांव हैं जो कि नख्शाविहीन हैं, जिनका सर्वे होना है। कलेक्टर ने कहा है कि जमीन के चयन के आधार की जांच होगी। प्रशासन के दावे चाहे कुछ भी हो इस तरह के मामले सामने आने से इतना तो स्पष्ट हो गया है कि पर्यावरण के नाम पर प्रशासन कितनी सजग है ?