रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस समय चुनावी माहौल सिर चढ़कर बोल रहा है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कांग्रेस की सत्ता है। तो वहीं सीएम भूपेश बघेल जनता के साथ बच्चों से भी संवाद करते हुए नजर आते है। वह इसलिए क्योंकि उनका कहना है कि बच्चों को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में कौन से साधनों की जरूरत है उनके बेहतर कोई नहीं बता सकता है। ऐसे में सीएम भूपेश बघेल किसानों के हित में कई योजनाओं को लागू कर उन तक पहुंचा रहे है।
भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को कहा था कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और पहचान छत्तीसगढ़ी भाषा से है। मैं यह घोषणा करता हूँ कि अगले शिक्षा सत्र से राज्य के जिन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा बोली जाती है वहां छत्तीसगढ़ी भाषा एवं आदिवासी क्षेत्रों में वहां की स्थानीय बोली को कक्षा एक से कक्षा पांचवी तक पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में सम्मिलित किया जायेगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृति, सुरक्षा, कृषि, सुगमता जैसी कई महत्वपूर्ण घोषणायें की है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2022 में घोषणा की थी कि सरकारी स्कूलों में छात्रों को सप्ताह में एक बार स्थानीय भाषा छत्तीसगढ़ी और आदिवासी बोलियों में पढ़ाया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर बघेल ने कहा कि इस कदम से न केवल स्थानीय भाषा और बोलियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि छात्रों की पढ़ाई के प्रति रूचि भी बढ़ेगी।
संचालक ने इस कार्य के लिए कक्षा 1 से कक्षा 5 तक सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी भाषा (रायपुर एवं बिलासपुर संभाग), सरगुजिहा, हल्बी, गोड़ी, सादरी, कुडुख स्थानीय भाषाओं पांडुलिपि तैयार करने के लिए कहा है। यह पांडुलिपि 15 सितम्बर तक अधीनस्थों को तैयार करके संचालक को देनी है।
एससीईआरटी के संचालक राजेश सिंह राणा ने बताया कि सभी अशासकीय संगठनों से बहुभाषा शिक्षण के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्याें और अनुभव की संक्षिप्त जानकारी ली जा रही है। साथ ही मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) के भाषागत लक्ष्यों, सीखने के प्रतिफलों को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों को कार्य दिए गए हैं।