Bhilai’s well-known economic crime case: बिलासपुर। भिलाई के बहुचर्चित आर्थिक अपराध के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथ पूर्वक सहित अब तक की गई संपूर्ण कार्रवाईयों की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुख्य सचिव यह जानकारी दें कि यस बैंक में जो खाता खोला गया था उसमें पैसे कहां से आए और वह पैसे किस-किस खाते में या किस-किस को दिए गए। मामले की जांच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, ईडी या किसी अन्य स्वतंत्र संस्था से कराई जानी की मांग को भी हाईकोर्ट ने अपने आदेश में बताया है। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
कर्मचारी यूनियन के नेता प्रभुनाथ मिश्र ने हाईकोर्ट में अपराधिक रिट याचिका दायर की है। न्यायालय ने 13 जुलाई 2023 को इस विषय पर अपने आदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख डीएम अवस्थी को व्यक्तिगत शपथ पूर्वक संपूर्ण मामले का जवाब देने के लिए आदेशित किया था। एसीबी प्रमुख डीएम अवस्थी ने अपने जवाब में कहा कि इस अपराध के बारे में एसीबी को कोई जानकारी ही नहीं है और ना ही ऐसा कोई मामला उनके पास जांच के लिए भेजा गया है। चीफ जस्टिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रतिवादी पक्ष के सभी वकीलों से जवाब मांगा। सरकारी पक्ष के वकील ने गलती मानते हुए 6 सप्ताह का समय मांगा।
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ज्ञात हो कि यह मामला यस बैंक भिलाई का है। यस बैंक भिलाई में अनिमेष सिंह नाम के एक व्यक्ति के खाते में लगभग 165 करोड़ से ज्यादा रुपए की रकम का लेनदेन करने की जानकारी सामने आई। स्वयं अनिमेष सिंह के द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसमें हितेश चौबे और बाला चौहान का नाम लिया गया था। अनिमेष सिंह के एफआईआर दर्ज किए जाने के अगले ही दिन हितेश चौबे के द्वारा भी अनिमेष सिंह को आरोपी बनाते हुए धारा 420 के तहत एक अपराध खुर्सीपार थाने में पंजीबद्ध करवाया गया था। दोनों ही एफआईआर के पश्चात अब तक सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं ।