कांकेर: छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले आदिवासी समाज को बड़ा झटका लगा है। निर्वाचन आयोग ने आदिवासी समुदाय से समर्थित 33 प्रत्याशियों में से 18 के नामांकन फॉर्म को निरस्त कर दिया है। फार्म में त्रुटि के चलते आदिवासी समुदाय समर्थित प्रत्याशियों के नामाकंन रद्द किए गए हैं। वहीं 21 अभ्यर्थी के नामांकन मान्य पाए गए है। यानी 21 प्रत्याशी अब चुनाव मैदान पर बने रहेंगे।
बता दें कि इस सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और इसका नतीजा 8 दिसंबर को जारी किया जाएगा। इस सीट में कांग्रेस से सावित्री मंडावी मैदान पर है। वहीं भाजपा ने ब्रम्हानंद नेताम को प्रत्याशी बनाया है। ब्रम्हानंद वर्ष 2008 में भानुप्रतापपुर से विधायक चुने गए थे, लेकिन अगले दो चुनाव में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया।
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी के निधन की वजह से भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। मंडावी का 16 अक्टूबर को आकस्मिक निधन हो गया था। मंडावी आदिवासी समाज के कद्ददावर नेता थे। वे भानुप्रतापपुर से 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। उन्हें 2008 के चुनाव में बीजेपी के ब्रह्मानंद नेताम हराया था।