बेमेतरा: प्रदेश में चुनाव सम्पन्न हो चुके है। भूपेश बघेल के हाथों से सत्ता फिसल चुकी है और भाजपा प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने जा रही है। पिछली बार यानी 2018 में कांग्रेस ने प्रदेश भर में शराबबंदी का वादा किया था। उन्होंने अपने घोषणा पत्र में भी इस बात का जिक्र किया था कि चुनाव जीतने पर शराब पर अंकुश लगाते हुए इसे बंद कर दिया जाएगा। हालांकि राज्य की कांग्रेस सरकार ऐसा करने में नाकाम रही उलटे प्रदेश में शराब को लेकर वारदातों में भारी इजाफा हुआ। सरकार पर कथित रूप से शराब घोटाले के आरोप लगे। कोरोना काल के बाद खुद सरकार ने ऑनलाइन तरीके से शराब बिक्री का जुगाड़ लगा लिया।
वही अब जब चुनावों में कांग्रेस को हार का मुँह देखना पड़ा तो समझा जा रहा है कि प्रदेश की महिला मतदाता शराबबंदी का वादा पूरा न होने से सरकार से नाराज चल रही थी। और ऐसा कहा भी जा सकता है। क्योंकि 2018 चुनावों में कांग्रेस की वापसी में सबसे बड़ी भूमिका महिलाओं की ही थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका नतीजतन कांग्रेस की सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा।
बहरहाल शराबबंदी एक बड़ा मुद्दा था इसकी तस्दीक खुद एक महिला ने की है। यह महिला कोई और नहीं बल्कि साजा विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक ईश्वर साहू की बहू है जिसने शराब की बिक्री को रोकने को लेकर मीडिया के सामने भावुक प्रतिक्रिया दी है।
दरअसल विधायक ईशवर साहू की बहू राजकुमारी साहू से जब मीडिया ने बात की तो वह फूट-फूटकर रोने लगी और प्रदेश भर में शराबबंदी की मांग करने लगी। राजकुमारी साहु ने प्रधानमंत्री से भी शराब बिक्री को बंद करने या फिर आधार कार्ड से शराब दिए जाने की मांग की। राजकुमारी साहू ने बताया शराब की वजह से घर के सामान, संपत्ति और जायजाद बिक रहे है, पारिवारिक कलेश हो रहा। बच्चें भी शराब का सेवन कर रहे है।