रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आज छत्तीसगढ़ प्रवास का दूसरा दिन है। वे बस्तर से राजधानी रायपुर लौट गए है। यहाँ उन्होंने पुलिस विभाग के अफसरों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक करते हुए नक्सल उन्मूलन की रणनीति पर गहन चर्चा की है। (What is the deadline for the end of Maoism from India?) इस बैठक में खासतौर पर वामपंथी उग्रवाद की समस्या से प्रभावित जिलों के पुलिस कप्तानों ने शिरकत की।
मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह ने सभी पुलिस अधीक्षकों को नक्सल उन्मूलन के लिए बनाई गई रणनीति पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए है। वे इस दौरान इन क्षेत्रों में चल रहे हैं नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा कर रहे थे। अमित शाह ने नक्सल पुनर्वास नीति का प्रचार प्रसार करने के निर्देश भी पुलिस के आला अफसरों को दिए है। (What is the deadline for the end of Maoism from India?) अमित शाह ने कहा है कि, नक्सल उन्मूलन अभियान से नक्सल पीड़ित परिवार, आत्म समर्पित नक्सली और स्थानीय निवासियों को समाज से मुख्यधारा में जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएँ।
रायपुर आने से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जगदलपुर में नक्सली हिंसा में जान गँवाने वाले लोगों के परिवारों और शहीद जवानों के परिजनों से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि, सुरक्षा बल के जवानों और निर्दोष नागरिकों को हिंसा की भेंट चढ़ा कर मानवाधिकार की सहानुभूति लेने वाले नक्सली अब एक्सपोज़ हो चुके हैं। मोदी सरकार वामपंथी उग्रवाद से पीड़ित परिवारों के सहयोग के लिए कटिबद्ध है। साथ ही, 31 मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत बना कर इन सभी बलिदानियों को सच्ची श्रद्धांजलि देने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
नक्सली हिंसा में जान गँवाने वाले लोगों के परिवारों और शहीद जवानों के परिजनों से आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में मुलाकात की।
सुरक्षा बल के जवानों और निर्दोष नागरिकों को हिंसा की भेंट चढ़ा कर मानवाधिकार की सहानुभूति लेने वाले नक्सली अब एक्सपोज़ हो चुके हैं।
मोदी सरकार वामपंथी उग्रवाद… pic.twitter.com/zzIwcKQ01r
— Amit Shah (@AmitShah) December 16, 2024
अमित शाह ने नक्सल उन्मूलन के लिए सुरक्षा बलों की सक्रिय भागीदारी, नक्सल पुनर्वास नीति का प्रचार-प्रसार, और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की रणनीति बनाई है।
गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार, सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त भारत बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
इन जिलों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जा रही है, विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है, और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास पर जोर दिया जा रहा है।
What is the deadline for the end of Maoism from India?
नक्सल पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
मुख्य चुनौतियाँ हैं: दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र, स्थानीय लोगों का समर्थन प्राप्त करना, और नक्सलियों द्वारा फैलाए गए डर और भ्रम को समाप्त करना।