Reported By: Naresh Mishra
,Rift among Naxalite leaders in Chhattisgarh: बस्तर। नक्सलियों के खिलाफ छिड़े मुहिम का असर अब साफ नजर आ रहा है। ऑपरेशन का डर सीधे तौर पर नक्सलियों में दिखाई दे रहा है। नक्सली मुखबिरी और संगठन को कमजोर करने के शक में अपने ही कमांडरों की हत्या कर रहे हैं।
नक्सलियों के खात्मे के लिए सरकार कमर कसकर मैदान में उतर गई है। लगातर नक्सल ऑपरेशन और जंगलों में फोर्स की तैनाती से अब नक्सलियों में भगदड़ की स्थिति मच गई है। यही कारण है कि नक्सली अब इतने घबराए हुए हैं कि अपने ही लीडरों को मुखबिरी के शक में मार रहे हैं। ताजा उदाहरण राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर पर देखने को मिला जहां तेलगु कैडर के विजय रेड्डी और उनके साथियों ने डिवीजन कमेटी के ACM राजू विज्जा और उसकी पत्नी राजे मरकाम की हत्या कर दी गई। नक्सलियों ने दोनों को गद्दार बताकर मार डाला। बताया जा रहा है कि दोनों नक्सली पुलिस के सामने सरेंडर करने जा रहे थे।
Rift among Naxalite leaders in Chhattisgarh: नक्सलियों ने बीते एक महीने के अंदर ही तीन नक्सली कमांडरों को मुखबिरी की शक में मौत के घाट उतार दिया। इसमें से कुछ पुराने वारदातों की बात करें तो अक्टूबर 2020 को गंगालूर एरिया कमेटी के DVCM विज्जा मोड़ियाम और DVCM सचिव दिनेश के बीच गंभीर टकराव हुआ। इसके परिणामस्वरूप, दिनेश और उनके साथियों ने विज्जा की हत्या कर दी।
इसी तरह 13 अगस्त 2024 को बीजापुर के पामेड़ एरिया में कम्युनिकेशन टीम के ACM मनीष कुरसम ऊर्फ राजू की मुखबिरी के आरोप में हत्या कर दी गई। वहीं 21 अगस्त 2024 को तेलंगाना के कोट्टागुडेम जिले में पार्टी नेतृत्व ने महिला कैडर एसीएम राधा ऊर्फ नीलसो की पुलिस इनफार्मर होने के आरोप में हत्या कर दी। वहीं अभी हाल ही में 6 सितंबर 2024 को ACM विज्जा मड़काम और उसकी पत्नी राजे मरकाम को तेलगु कैडर विजय रेड्डी के ईशारे पर गद्दारी का आरोप लगाकर हत्या कर दी गई।
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Rift among Naxalite leaders in Chhattisgarh: सुंदरराज पी ने बताया कि माओवादी संगठन स्थानीय माओवादी कैडरों को मानव सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब उनकी ये रणनीति फेल हो रही है।
केंद्र ने नक्सलियों का पूरी तरह सफाया करने के लिए मार्च 2026 तक का टारगेट भी फिक्स कर लिया है। इसका नतीजा है कि इसी साल 153 से ज्यादा नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। लगातार फोर्स तैनात किए जा रहे हैं
Rift among Naxalite leaders in Chhattisgarh: सरकार कई बार नक्सलियों को बातचीत का ऑफर दे चुकी है। बावजूद नक्सली वारदातें कम नहीं हुई। ऐसे में अब सरकार बस्तर से लाल आतंक को पूरी तरह से खत्म करने का ठान चुकी है।