Republic day celebration in Bastar: For the first time after...

Republic day celebration in Bastar : आजादी के बाद पहली बार बस्तर के इन 14 सुरक्षा कैंपों में फहराया तिरंगा, विजय शर्मा बोले- गनतंत्र की जगह अब गणतंत्र ने बनाई जगह

आजादी के बाद पहली बार बस्तर के इन 14 सुरक्षा कैंपों में फहराया तिरंगा..Republic day celebration in Bastar: For the first time after....

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Reported By: Naresh Mishra

Modified Date: January 26, 2025 / 02:19 PM IST
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Published Date: January 26, 2025 2:07 pm IST

जगदलपुर : Republic day celebration in Bastar  नक्सलवाद के दंश से जूझ रहा बस्तर से बड़ी सुकूनदायक खबर सामने आई है। बस्तर के 14 गांव में आज़ादी के बाद पहली बार संविधान की रोशनी पहुंची है। जो सालों से बस्तर के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बाधित थी वहां से अब घना कोहरा हटने लगा है। जहां कभी लाल सलाम के नारे लगाए जाते थे वहां अब भारत माता की जय के नारे गूंज रहे हैं। बस्तर के घने जंगल जहां जनता ना सरकार चलती थी वहां अब कानून का राज है।

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Republic day celebration in Bastar  बता दे की बस्तर के 14 नए कैंप ऐसी जगह खोले गए हैं। जहां दशकों से माओवादियों ने अपनी हुकूमत बना रखी थी यहां गणतंत्र दिवस मनाया नहीं जाता था ना ध्वजारोहण होता था और ना ही देशभक्ति के नारे लगते थे लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। बस्तर के जंगलों में कैसे आम ग्रामीण पहली बार गणतंत्र की खुशी में शामिल हो रहे हैं। बस्तर के तुमाडपाल वाटेवागु गोलकुंडा सहित 14 ऐसे नए पुलिस कैंप हैं जहां गणतंत्र का पहले उत्सव मनाया गया। आजादी के 76 साल बाद बस्तर के आम ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी थी भारत माता के जे के नारे लगाए जा रहे थे और गांव के लोग जवानों के साथ मिलकर मिठाइयां खा रहे थे। दअरसल बस्तर के अत्यंत नक्सल प्रभावित और माओवादी जनता ना सरकार के यह वह इलाके रहे हैं जहां सालों से माओवादियों के प्रतिरोध की वजह से सरकार पहुंच नहीं सकी। आज भी लोग यहां बुनियादी सुविधाओं के मोहताज है लेकिन इस गणतंत्र की रोशनी के साथ अब सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना भी गांव के लोगों को शुरू हो गया है। ये गांव बीजापुर जिले के कोंडापल्ली, जिदपल्ली, वटेवागु और कर्रेगट्टा, नारायणपुर के होराडी, गरपा कच्चापाल और कोडलियार तथा सुकमा के तुमलपड़, रायगुडेम, गोलाकुंडा, गोमगुड़ा और मेट्टागुड़ा गांव हैं। नक्सलवाद से प्रभावित तुमालपाड़ में पहली बार CRPF 74वीं बटालियन के जवानों और ग्रामीणों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर कमांडेंट हिमांशु पांडे भी मौजूद थे।

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गनतंत्र की जगह अब गणतंत्र ने बनाई जगह : विजय शर्मा 

Republic day celebration in Bastar  प्रदेश के गृहमंत्री और बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा ने साफ कहा है कि बस्तर के दूर-दूर अंचल में तिरंगा हर हाल में लहराएगा। बीजापुर सुकमा दंतेवाड़ा नारायणपुर में ऐसे कुल 28 नए पुलिस कैंप बीते 1 साल में खोले गए हैं जहां स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस मनाया गया है। सरकार की नियद नेलनार योजना की वजह से अब पहली बार यहां विकास कार्य होने लगे हैं। गृहमंत्री विजय शर्मा ने अपने भाषण में बताया कि बस्तर में अमन शांति स्थापित करना सरकार की कोशिश है। ऐसे लोग जो संविधान को मानते नहीं है उन्हें समझ जाना चाहिए कि अब आम लोग उनके साथ नहीं है।बस्तर के जंगलों से निकल कर आ रही तस्वीर यही बयां करती है की अब बस्तर का माहौल बदलने लगा है। गनतंत्र की जगह अब गणतंत्र ने जगह बना ली है जहां पहले काले झंडे फहराए जाते थे देश के खिलाफ नारे लगाए जाते थे वहां अब ग्रामीण भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं। नक्सल प्रभावित इन जंगलों में अब भारत माता की जय के नारे गूंज रहे हैं । आजादी के 76 में गणतंत्र दिवस पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बस्तर के लोगों को शुभकामनाएं भी दी हैं। साथ ही नई कैंपों के आसपास काम कर रहे नक्सल समर्थकों को आत्म समर्पण कर मुख्य धारा में शामिल होने की अपील की है।

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बस्तर के 14 गांवों में संविधान की रोशनी कैसे पहुंची?

बस्तर के 14 गांवों में अब पहली बार संविधान की रोशनी पहुंची है, जहां पहले माओवादी प्रभाव था। वहां अब नए पुलिस कैंपों की स्थापना की गई है, जिससे सरकार की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है और वहां गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय उत्सव मनाए जा रहे हैं।

बस्तर में गणतंत्र दिवस कैसे मनाया गया?

बस्तर के 14 नए पुलिस कैंपों में गणतंत्र दिवस मनाया गया। यहां के ग्रामीण पहली बार भारत माता के जयकारे लगाते हुए राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए गणतंत्र दिवस के जश्न में शामिल हुए और मिठाइयां बांटी गईं।

बस्तर में पुलिस कैंप कब और कहां खोले गए?

बस्तर में पिछले एक साल में कुल 28 नए पुलिस कैंप खोले गए हैं, जिनमें से 14 कैंप बस्तर के विभिन्न नक्सल प्रभावित गांवों में स्थापित किए गए हैं। ये कैंप जहां माओवादियों की हुकूमत थी, वहां अब सरकार का नियंत्रण स्थापित हो रहा है।

बस्तर के विकास में क्या बदलाव आए हैं?

बस्तर में अब विकास कार्य शुरू हो गए हैं, खासकर सरकार की नियद नेलनार योजना के तहत। पहले जहां लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे, अब उन्हें विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

विजय शर्मा का बस्तर के लिए क्या संदेश था?

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर में अब तिरंगा हर हाल में लहराएगा। उन्होंने नक्सल समर्थकों से मुख्य धारा में शामिल होने की अपील की और बस्तर में शांति और विकास सुनिश्चित करने का वादा किया।
 
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