Chhattisgarh Naxal Encounter: Red terror is ending in Chhattisgarh

Chhattisgarh Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ से खत्म हो रहा लाल आतंक, जवानों ने पिछले तीन महीने में ढेर किए इतने नक्सली, आंकड़े जानकर रह जाएंगे दंग!

छत्तीसगढ़ में खत्म हो रहा लाल आतंक...Chhattisgarh Naxal Encounter: Red terror is ending in Chhattisgarh, soldiers have killed so many Naxalit

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Reported By: Naresh Mishra

Modified Date: March 25, 2025 / 02:20 PM IST
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Published Date: March 25, 2025 2:19 pm IST
HIGHLIGHTS
  • छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खत्म होने की ओर
  • 2025 में सबसे बड़ा ऑपरेशन,
  • पिछले 13 महीनों में 380 नक्सली मारे गए,

बस्तर: देश में नक्सलियों के रेड कॉरिडोर की राजधानी माने जाने वाले दंडकारण्य में नक्सलियों की पकड़ लगातार कमजोर हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार बनने के बाद 13 महीनों में 380 नक्सली मारे गए हैं, 1194 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं और 1045 ने आत्मसमर्पण किया है। नक्सल कैडर में नई भर्तियां पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की रणनीति बनाई है और इस मिशन को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। केरल से बड़े छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सातों जिलों में कभी नक्सलवाद चरम पर था, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।

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20 मार्च 2025 को बड़ा ऑपरेशन, एक ही दिन में 30 नक्सली ढेर

20 मार्च 2025 को बीजापुर के गंगालूर और नारायणपुर-कांकेर बॉर्डर पर हुए दो अलग-अलग ऑपरेशनों में 30 नक्सली मारे गए। ये दोनों इलाके ऐसे थे जहां आज भी सरकार की सीधी मौजूदगी नहीं थी, और नक्सलियों ने अपनी समानांतर सरकार बना रखी थी। लेकिन अब पुलिस जंगलों में घुसकर नक्सलियों का सफाया कर रही है। 2025 के पहले तीन महीनों में 97 नक्सली मारे गए हैं जबकि हर महीने औसतन 45 से अधिक नक्सली मारे जा रहे हैं।

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2025 में अब तक हुई बड़ी मुठभेड़ें

तारीख जगह मारे गए नक्सली
4 जनवरी अबूझमाड़ के जंगल 5
9 जनवरी सुकमा-बीजापुर बॉर्डर 3
12 जनवरी बीजापुर, मद्देड़ इलाका 5
16 जनवरी तेलंगाना बॉर्डर, पुजारी कांकेर 12
21 जनवरी उड़ीसा बॉर्डर, गरियाबंद 27
1 फरवरी बीजापुर, गंगालूर 8
9 फरवरी बीजापुर, फरसेगढ़ 31
1 मार्च सुकमा, किस्टाराम 2
20 मार्च बीजापुर, गंगालूर 26
20 मार्च नारायणपुर-कांकेर बॉर्डर 4

 

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सबसे बड़े ऑपरेशन के केंद्र गरियाबंद और बीजापुर

गरियाबंद जिला, जो नुआपाड़ा-गरियाबंद डिवीजन का हिस्सा था, लंबे समय से नक्सलियों के प्रभाव में था। 21 जनवरी 2025 को 27 नक्सली मारे जाने के बाद, बचे हुए नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। अब गरियाबंद लगभग नक्सल मुक्त हो चुका है। बीजापुर जिला, जिसे “नक्सली नर्सरी” कहा जाता था, सरकार के सबसे बड़े टारगेट पर है। 2025 में अब तक 75 नक्सली मारे गए हैं, जिससे उनकी पकड़ कमजोर पड़ रही है।

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पुलिस की रणनीति – दो तरफा हमला

नक्सलियों के कमजोर जिलों पर दबाव बनाया जा रहा है जिससे गरियाबंद, कांकेर, धमतरी जैसे जिले जहां से नक्सली दूसरे क्षेत्रों में जाते हैं। वहीं मजबूत नक्सली गढ़ों पर फोकस किया जा रहा हैं बीजापुर, दंतेवाड़ा, अबूझमाड़, गंगालूर, जहां नक्सलियों का संगठित नेटवर्क बना हुआ है।

क्या छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खत्म होने की ओर है?

हां, पिछले 13 महीनों में 380 नक्सली मारे गए हैं, 1045 ने आत्मसमर्पण किया है, और भर्ती प्रक्रिया बंद हो गई है। गरियाबंद जिला लगभग नक्सल मुक्त हो चुका है।

2025 में सबसे बड़ा ऑपरेशन कौन सा था?

21 जनवरी 2025 को गरियाबंद में 27 नक्सलियों के मारे जाने को अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है, जिसने पूरे क्षेत्र में नक्सली संगठन को हिला दिया।

कौन-कौन से जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं?

बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, अबूझमाड़, गंगालूर और गरियाबंद अब भी नक्सल प्रभावित जिले हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में पुलिस तेजी से कार्रवाई कर रही है।

क्या नक्सलियों की भर्ती प्रक्रिया अब भी जारी है?

नहीं, पुलिस की लगातार कार्रवाई के कारण नक्सली कैडर में नई भर्ती पूरी तरह से बंद हो गई है।

क्या मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त हो जाएगा?

पुलिस की मौजूदा रणनीति और आक्रामक अभियान को देखते हुए, बस्तर संभाग को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य पूरा होने की पूरी संभावना है।