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Bastar Sarv Adivasi Samaj : “धर्मांतरित महिला के शव को क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफनाया जाए” सर्व आदिवासी समाज ने दिया प्रशासन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम
सर्व आदिवासी समाज का प्रशासन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम..Bastar Sarv Adivasi Samaj: "The body of the converted woman should be buried..
Publish Date - January 30, 2025 / 02:13 PM IST,
Updated On - January 30, 2025 / 02:15 PM IST
जगदलपुर : Bastar Sarv Adivasi Samaj बस्तर के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के दाबपाल गांव में धर्मांतरित महिला के शव को दफनाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कुछ दिन पहले, महिला की मौत के बाद परिजनों ने शव को बेलर गांव के कब्रिस्तान में दफनाया था, जिससे दोनों समुदायों के बीच हिंसा हुई। इस संघर्ष में पुलिस ने मारपीट करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। अब इस मामले में सर्व आदिवासी समाज ने प्रशासन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम देते हुए दबाव बनाया है। समाज का कहना है कि धर्मांतरित महिला के शव को क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफनाया जाए, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी उल्लेख किया गया है।
Bastar Sarv Adivasi Samaj सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय अध्यक्ष राजा राम तोड़ेंम ने कहा कि यदि शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाया जाता है तो यह आदिवासी परंपराओं और संस्कृति के खिलाफ होगा। उनका आरोप है कि इससे आदिवासियों की धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं खंडित हो रही हैं। इस विवाद ने बस्तर के आदिवासी समाज में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है, और वे अब प्रशासन से शीघ्र समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
सर्व आदिवासी समाज ने प्रशासन को क्या अल्टीमेटम दिया है?
सर्व आदिवासी समाज ने प्रशासन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है कि धर्मांतरित महिला के शव को क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफनाया जाए।
यह विवाद किस घटना से जुड़ा है?
यह विवाद बस्तर के दाबपाल गांव में धर्मांतरित महिला के शव को कब्रिस्तान में दफनाने के बाद उत्पन्न हुआ है, जिससे दोनों समुदायों के बीच मारपीट हुई।
सर्व आदिवासी समाज का क्या कहना है इस मामले में?
सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि धर्मांतरित महिला के शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाने से आदिवासियों की परंपराएं और धार्मिक विश्वासों का उल्लंघन होगा।
क्या पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई की है?
हां, पुलिस ने मारपीट करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है।
सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में क्या फैसला है?
सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक धर्मांतरित शव को क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफनाया जाना चाहिए।