Balrampur’s Mahamaya pond succumbed to negligence: बलरामपुर। जिले के नगर पंचायत राजपुर में प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही से शहर का एकमात्र महामाया तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने लगभग 3 साल पहले श्रमदान करके इस तालाब की सफाई की शुरुआत की थी और लगभग 33 लाख रुपए की लागत से काम शुरू हुआ था, लेकिन काम अब तक अधूरा है। लगभग साल भर पहले तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ था और इसकी लागत लगभग 22 लाख रुपए थी।
टेंडर होने के बाद ठेकेदार ने काम शुरू किया और तालाब के चारों ओर जाली जरूर लगवा दिया है, लेकिन उसके बाद से काम बंद हो गया और तालाब एक बार फिर से गंदा होने लगा है। ठेकेदार ने अधिकारियों की मिलीभगत करते हुए आधे से ज्यादा पैसा आहरित भी कर लिया है, लेकिन काम बंद पड़ा है। तालाब की यह स्थिति देखकर स्थानीय लोग बेहद आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि जब संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने काम की शुरुआत की थी तो उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए था।
कांग्रेस के नेता भी कहते हैं कि यह भीषण गर्मी में निश्चित रूप से जीवनदायिनी तालाब है, लेकिन प्रशासनिक अक्षमता के कारण इसका यह हाल है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी अगर उस काम को नहीं कर पा रहे हैं तो उसके लिए कोई दूसरी एजेंसी तय कर देनी चाहिए। मामले में नगर पंचायत के अधिकारी का कहना है कि अभी 15 दिन पहले ही उन्होंने पदभार ग्रहण किया है जल्द ही वे इस कार्य को पूर्ण कराएंगे। IBC24 से अरुण सोनी की रिपोर्ट