Balrampur Attack on Police : बलरामपुर: पूछताछ के लिए लाये गए शख्स ने थाने के शौचालय में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसकी खबर जैसे मृतक के परिजन और आसपास के लोगों की लगी सभी थाने पहुँच गए। करीब 100 लोगों की भीड़ ने पहले थाने में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने रास्ता रोका तो भीड़ और भी उग्र हो गई। इसके बाद उन्होंने थाना परिसर में जमकर तोड़फोड़ करते हुए हंगामा मचाया। हंगामा करने वालों में महिलाएं भी शामिल थी जो पुलिस के वाहन पर पत्थर बरसा रही थी। अपनी जान बचाने जवान थाने के छत पर चढ़ गए। इसके बाद पुलिस ने सख्ती बरती और लाठीचार्ज किया तो भीड़ तीतर-बितर हुई और उनपर काबू पाया गया।
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Balrampur Attack on Police बहरहाल इस पूरे मामले पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस को फिर से एक बाद प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर निशाना साधने का मौक़ा मिल गया है। इस घटना पर आईबीसी24 से बात करते हुए राज्य की सरकार पर आरोप लगाया कि, प्रदेश में क़ानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। पीसीसी चीफ ने मांग किया कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। इस बात की जाँच होनी चाहिए कि यह हत्या है या आत्महत्या? कहीं पुलिस की पिटाई से मौत तो नहीं हुई? हमें शंका है उसे मारकर फांसी पर लटका दिया गया। कांग्रेस इस घटना को लेकर गंभीर है। हम जांच कमेटी बना रहे हैं। हम जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर जनता का गुस्सा क्यों भड़का?
ये कमेटी में शामिल
Balrampur Attack on Police बहरहाल इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने आठ सदस्यों वाली जाँच टीम का गठन कर दिया है। इस कमेटी में डॉ. अजय तिर्की को संयोजक बनाया गया हैं जबकि बतौर सदस्य श्रम कल्याण मण्डल के पूर्व प्रमुख सफी अहमद, राजेन्द्र तिवारी, के. पी. सिंह, मधु गुप्ता, लाल साय, सीमा सोनी और दिनेश यादव को शामिल किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
Balrampur Attack on Police मिली जानकारी के मुताबिक़ किसी घरेलू मामले में पुलिस की टीम गुरुचरण मंडल नाम के शख्स से पूछताछ कर रही थी। वह स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी था। आज भी उसे थाना में इसी काम से बुलाया गया था लेकिन उसकी लाश फांसी पर झूलती मिली है। बताया गया है कि मृतक की पत्नी के संबंध में कोई घरेलू मामला थाने में दर्ज था। दावा किया जा रहा है कि पुलिस की टीम इसी मामले में उसे लगातार बुलाकर पूछताछ करती थी।
Balrampur Attack on Police थाने में फांसी लगाने की खबर फैलते ही राजनीतिक पार्टी से जुड़े कुछ लोग वहां पहुंचे। उनके साथ कुछ स्थानीय लोग भी शामिल थे। इन लोगों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके साथ लोगों की भीड़ थाने के बाहर जमा होने लगी। हंगामा बढ़ता ही चला गया।
प्रशासन लगातार अन्याय करने पर आमादा हो तो जनता इसी तरह आक्रोशित होती है।
महीनेभर के भीतर पुलिस कस्टडी में दूसरी मौत।
लोहारिडीह में प्रशांत साहू की पुलिस कस्टडी में पीट पीट कर हत्या के बाद बलरामपुर कोतवाली में दिलीप मंडल की संदिग्ध मौत और मृतक के पिता थाने से लापता। pic.twitter.com/Vk31E8DnWu
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) October 24, 2024