Reported By: Mohandas Manikpuri
,Balod Tarri Ravan: बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिला में एक ऐसा गांव जहां रावण की मूर्ति बना हुआ है। दशहरा पर्व के दिन शाम को इसकी पूजा की जाती है, उसके बाद मैदान में ग्रामीणों द्वारा बनाए गए रावण के पुतले का दहन किया जाता है। ग्रामीणों की माने तो पिछले कई सालों से यह परंपरा चली आ रही है। ग्रामीण आज भी इस परंपरा को निभा रहे है। यहां निर्मित मूर्ति में रावण कोर्ट पैंट पहने नजर आ रहे हैं। कई सालो से स्थापित रावण की मूर्ति अब खंडित हो चुकी है। ग्रामीण अब जल्द हि नई मूर्ति बनाने की बात पर जोर दे रहे है।
ग्राम तार्री में सड़क के एक तरफ रावण की मूर्ति है तो दूसरी तरफ भगवान राम का मंदिर भी है। यहां लोग रावण की मूर्ति का सिर्फ दशहरा के दिन शाम को पूजा करते हैं। वहीं, राम मंदिर में रोज पूजा-अर्चना की जाती है। देखने में तो जरूर अजीब लगता है लेकिन बालोद जिले के गुरुर ब्लाक के ग्राम तार्री में पिछले कई सालों से रावण की मूर्ति की पूजा की जाती है।
यहां के ग्रामीण बताते हैं कि उनके पूर्वजों के समय पहले मिट्टी के रावण बनाकर उसकी पूजा की जाती थी। बाद में फिर धीरे से सीमेंट की स्थाई प्रतिमा बनाई गई। ग्रामीणों का मानना है कि रावण सबसे ज्यादा ज्ञानी पंडित था जो सभी कलाओं में निपुण था। जर्जर हों चुके मूर्ति का नवनिर्माण ग्रामीण जल्द करने जा रहे है। ग्रामीणों ने इस बात पर भी जोर दिया कि, जब भी रावण की दूसरी मूर्ति बनेगी तो इसी तरह पेंट कोर्ट वाला मूर्ति का ही निर्माण कराया जाएगा।
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